इंदौर: प्रोटीन रोज़मर्रा के आहार का ज़रूरी अवयव है, जो शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों में मुख्य भूमिका निभाता है। एक सर्वेक्षण के अनुसार 73 फीसदी भारतीय लोग रोज़ाना अपने आहार में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा का सेवन नहीं करते और 90 फीसदी से ज़्यादा लोग इसकी ज़रूरत के बारे में जागरुक नहीं हैं। लोगों को अपने आहार में प्रोटीन की उचित मात्रा के सेवन के बारे में जागरुक बनाने के लिए ऑल्मण्ड बोर्ड ऑफ कैलीफोर्निया ने आज ‘अ नैचुरल अप्रोच टू मिटिगेटिंग प्रोटीन प्रॉबलम’ यानि ‘प्रोटीन की समस्या को हल करने का प्राकृतिक तरीका’ विषय पर एक सत्र का आयोजन किया।
कार्यक्रम का आयोजन सयाजी होटल इंदौर, में किया गया, जहां कॉमनवेल्थ गोल्ड मैडलिस्ट (कराटे) सुप्रिया जातव और एमबीबीएस एवं पोषण विशेषज्ञ डॉ रोहिणी पाटिल द्वारा विशेष सत्रों का आयोजन हुआ, इन सत्रों का संचालन आरजे हर्षा ने किया। चर्चा के दौरान इस बात पर ज़ोर दिया गया कि भारतीय परिवार प्रोटीन के स्रोतों और अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए उचित मात्रा में प्रोटीन के सेवन के बारे में जागरुक नहीं हैं। बड़ी संख्या भारतीय लोगों में प्रोटीन की कमी है, उनका रोज़मर्रा की आहार शरीर की प्रोटीन की ज़रूरत को पूरा नहीं कर पाता। भारत में एक व्यक्ति को उसके शरीर के प्रति किलोग्राम वज़न पर 0.8 ग्राम प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है। हालांकि औसतन लोग अपने शरीर के प्रति किलोग्राम वज़न पर तकरीबन 0.6 ग्राम प्रोटीन का ही सेवन करते हैं।
डॉ रोहिणी पाटिल, एमबीबीएस एवं पोषण विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘हर व्यक्ति का शरीर एवं फिटनैस की ज़रूरतें अलग होती हैं, जो कई चीज़ों पर निर्भर करती हैं जैसे हमारा मेटाबोलिज़्म कितना तेज़ है, हम कितने एक्टिव हैं, हमारे व्यक्तिगत लक्ष्य क्या हैं। अपने समग्र स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना बहुत ज़रूरी है। आहार में प्रोटीन को शामिल करना स्वस्थ बने रहने के लिए आवश्यक है। इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप रोज़ाना स्नैक्स के रूप में आल्मण्ड यानि बादाम का सेवन करें; बादाम सेहतमंद हैं, इनका सेवन करना आसान हैं और प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं। 30 ग्राम बादाम सेहमें 6.3 ग्राम प्रोटीन मिलता है। इसके अलावा बादाम में अन्य ज़रूरी पोषक तत्व जैसे ज़िंक, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, विटामिन ई और विटामिन बी2 भी पाए जाते हैं। मेवे, बीज, दालें, अण्डा, चिकन और मछली कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो प्रोटीन से भरपूर हैं। वे लोग को पौधों से मिलने वाले प्रोटीन का सेवन करना चाहते हैं उनके लिए सोयाबीन, दालें, और मेवे जैसे बादाम अच्छा विकल्प हैं।
प्रोटीन के स्रोतों, इसकी रोज़ानों की जत्ररूरतों एवं शरीर में इसके कार्यों को लेकर लोगों में कई गलतफहमियां फैली हैं। चर्चा के दौरान इन सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। ऐसी ही कुछ गलतफहमियां हैं जैसे शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन के स्रोत कम हैं, प्रोटीन के सेवन से वज़न बढ़ता है और इसे पचाना मुश्किल होता है। वास्तविकता तो यह है कि प्रोटीन के सेवन से वज़न बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है, व्यक्ति अपना पेट भरा हुआ महसूस करता है और यह मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
एक और सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत के कई परिवारों में इस बारे में जागरुकता नहीं है कि प्रोटीन शरीर के लिए ज़रूरी पोषक तत्व है। यह सर्वेक्षण माताओं पर किया गया, जिसमें पता चला कि ज़्यादातर माताएं प्रोटीन की भूमिका के बारे में नहीं जानतीं। इस संदर्भ में भारत की आबादी को संतुलित आहार उपलब्ध कराने के लिए अच्छी गुणवत्ता के प्रोटीन को सुलभ बनाना ज़रूरी है।
कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट (कराटे), सुप्रिया जातव ने कहा, ‘‘एक कराटे खिलाड़ी के रूप में मैं इस बात को समझती हूं कि खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उचित पोषण लेना ज़रूरी है। अच्छा पोषण हमारी मांसपेशियों के विकास और जल्दी रिकवरी के लिए ज़रूरी होता है। आज के दौर में मार्केट में प्रोटीन बार और शेक्स के ढेरों विकल्प हैं, लेकिन मुझे प्रोटीन का सरल और स्वादिष्ट स्रोत मिल गया हैः बादाम। बादाम बेहद फायदेमंद स्नैक्स हैं। आप इन्हें हमेशा अपने साथ रख सकते हैं। बादाम खाने से न सिर्फ आपका पेट भर जाता है, बल्कि जंक फूड खाने की इच्छा भी नहीं होती। वास्तव में एक नए अध्ययन के मुताबिक बादाम का सेवन करने से मांसपेशियां जल्दी रिकवर करती हैं और व्यायाम से होने वाली थकान भी कम होती है। बादाम फिटनैस के लिए बेहतरीन फूड है।’’
किस तरह के प्रोटीन का सेवन कितनी मात्रा में किया जाए, प्रोटन के महत्व और इसके स्रोतों के बारे में जागरुकता बढ़ाना बेहद ज़रूरी है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि शरीर की रोज़ाना की पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा किया जाए ताकि हमारा स्वास्थ्य अच्छा बना रहे। लोगों को जागरुक बनाकर ही देश में प्रोटीन की कमी की समस्या को हल किया जा सकता है।