गौतम अडाणी की कंपनी, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ), को सिंगापुर की डीबीएस ग्रुप से 150 मिलियन डॉलर (करीब 1289 करोड़ रुपये) का लोन मिला है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह लोन 4 साल के लिए दिया गया है। भ्रष्टाचार मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद, यह अडाणी ग्रुप की किसी भी कंपनी को मिलने वाला पहला वैश्विक लोन है। इस लोन का इस्तेमाल कंपनी अपने पूंजीगत खर्चों (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के लिए करेगी।

6 हजार करोड़ के लोन के लिए बातचीत कर रही कंपनी

अडाणी ग्रुप अपने एयरपोर्ट बिजनेस के लिए बार्कलेज, फर्स्ट अबु धाबी बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड से 750 मिलियन डॉलर (करीब 6450 करोड़ रुपये) के लोन पर बातचीत कर रहा है। इससे पहले, कंपनी ने पिछले महीने 750 मिलियन डॉलर का बॉन्ड इश्यू किया था, जिसके जरिए उसने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को खरीदा। इस बॉन्ड में ब्लैकरॉक जैसी प्रमुख निवेशक कंपनियों ने भी निवेश किया था।

रिश्वत मामले में अडाणी को क्लीन चिट मिली थी

अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट की जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे। अडाणी ग्रीन एनर्जी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कंपनी के चेयरमैन समेत शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच में कोई भी अनियमितता या गलत काम नहीं पाया गया।

यह आरोप नवंबर 2024 में सामने आए थे, जब अडाणी और 7 अन्य लोगों पर सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (करीब 2,029 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगा था।

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