नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सहकार से समृद्धि कार्यक्रम में हिस्सा लिया. कार्यक्रम में उन्होंने देश के किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए तुअर दाल खरीद पोर्टल ( Tur Dal Procurement Portal Launch ) को लॉच किया.
इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज की ये शुरूआत आने वाले दिनों में कृषि क्षेत्र में परिवर्तन लाने वाली शुरूआत है. ये बात सही है कि मूंग और चने में हमने आत्मनिर्भरता प्राप्त की है लेकिन बाकी दलहन हम आज भी आयात करते हैं. भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए आज भी दलहन आयात करना सम्मानजनक बात नहीं है. इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि के क्षेत्र में दलहन का उत्पादन करने वाले किसानों पर एक महत्वपूर्ण जिम्मा डाला है कि 2027 तक दलहन के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हो. बता दें कि अमित शाह के द्वारा लॉच किया गया पोर्टल कई भाषाओं में है. यह पोर्टल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक और झारखंड में तुअर दाल उत्पादकों के लिए पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा जिससे पंजीकरण, खरीद और पेमेंट प्रॉसेस सरल हो जाएगी.
अभी कैसे होती है खरीद
बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा अरहर सहित अन्य दालों का बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) जैसी एजेंसियों के माध्यम से खरीदारी की जाती है. पोर्टल के बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा तुअर दाल की खरीद के लिए पोर्टल लॉच करने के पीछे उद्देश्य नेफेड और एनसीसीएफ द्वारा खरीद, सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण के माध्यम से बेहतर कीमतों के साथ तुअर दाल उत्पादकों को सशक्त बनाना है. सरकार की इस कोशिश से दालों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी. सरकार पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से भंडारण के लिए दाल की खरीदारी करेगी. साथ ही, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या बाजार मूल्य जो भी अधिक होगा उसका सीधे भुगतान किया जाएगा.
दाल की कीमतों में लेकर सरकार अलर्ट
अगले तीन महीने में लोकसभा चुनावों का शंखनाद होने वाला है. ऐसे में बढ़ते दालों के दाम को काबू करने के लिए मोदी सरकार के द्वारा बड़ा कदम उठाया गया है. सरकार ने उड़द और अरहर दाल के ड्यूटी फ्री इनपोर्ट को 31 मार्च 2025 तक के लिए बढ़ा दिया है. इससे लोगों को सस्ती दाल मिल सकेगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने इसे लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें बताया गया है कि सरकार के द्वारा पहले ड्यूटी फ्री उरद और अरहर दाल इंपोर्ट अवधि 31 मार्च 2024 तक थी. मगर, इसे एक साल तक के लिए बढ़ाया जा रहा है. गौरतलब है कि नवंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर में बढ़ोत्तरी का कारण दालों की कीमतों में आयी तेजी को बताया जा रहा था. इस महीने दाल की महंगाई दर 20.23 प्रतिशत पर पहुंच गयी तो अक्टूबर के महीने में 18.79 प्रतिशत था. हालांकि, केंद्र सरकार की कोशिशों से दिसंबर में प्याज और टमाटर की कीमतों को नियंत्रित कर लिया गया है. इसके अलावा लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए सरकार के द्वारा भारत आटा और चावल भी बेचा जा रहा है