मुंबई: सभी भारतीयों के लिए बेहतर स्वास्थ्य को एक साझा लक्ष्य बनाने के उद्देश्य से भारत की सबसे लंबी चलने वाली और स्वास्थ्य के लिए सबसे विश्वसनीय सामाजिक पहल अपने नौवें वर्ष में प्रवेश कर रही है। इस अभियान को स्वास्थ्य और स्वच्छता पर जन जागरूकता करने के इसके प्रभाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वीकार किया गया है।

8 साल पहले ‘बनेगा स्वच्छ भारत’ के रूप में इसकी शुरुआत की गई थी। स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए गांधीजी के विचार को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए ये प्रयास स्वच्छता और स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं। हर साल अच्छी स्वच्छता के लिए की जा रही प्रैक्टिस से लेकर स्वच्छ पर्यावरण और स्वास्थ्य विषयों पर प्रकाश डाला गया है कि कैसे एक स्वस्थ भारत एक समृद्ध भारत है और अच्छे स्वास्थ्य की तलाश में कोई भी भारतीय कैसे पीछे नहीं रहना चाहिए।

सीजन 9 की थीम लक्ष्य संपूर्ण स्वास्थ्य का है। हर भारतीय के लिए और उनके बैकग्राउंड की परवाह किए बिना समग्र अच्छे स्वास्थ्य पर केंद्रित है। एक ऐसे भविष्य का निर्माण करने के लिए जहां प्रत्येक भारतीय को अच्छी स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच हो और इनोवेशन, प्रौद्योगिकी, चिकित्सा देखभाल तक पहुंचे और केंद्रित आत्म-देखभाल के माध्यम से औसत जीवन को 80 वर्ष की आयु तक सुधारा जा सके। 12 घंटे के टेलीथॉन में विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले मंत्री, डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ, इनोवेटर्स, डॉक्टर्स, कलाकार और स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता शामिल हुए, जो सबसे कमजोर लोगों की मदद करने के लिए फ्रंटलाइन पर काम करते हैं। इस बात पर ध्यान भी केंद्रित करते हैं कि हम सभी के लिए समग्र स्वास्थ्य के लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया जा सकता है। इस दौरान अभियान के नए साल के लिए टोन सेट की गई।

इन वार्तालापों में मोहित चौहान, कैलाश खेर, पलक मुच्छल, मीका सिंह, विशाल मिश्रा, आस्था गिल, धर्मेश येलांडे और गणेश आचार्य जैसे सम्मानित कलाकारों को लाइव प्रदर्शन के साथ जोड़ा गया था।

इस आयोजन ने न केवल इलाज करने, बल्कि अस्वस्थता को रोकने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। इसने अच्छी स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया, स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का विश्लेषण किया और जांच की कि किशोर यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के महत्व पर बेहतर चर्चा कैसे की जाए। स्वास्थ्य तकनीक के अगले बड़े इनोवेशन के बारे में दर्शकों को बताते समय महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था।

इस वार्षिक आयोजन और अभियान ने सामाजिक परिवर्तन और जागरूकता लाने के लिए कई पुरस्कार जीते हैं।

कैंपेन के एंबेसडर अमिताभ बच्चन कहते हैं, “एक स्वस्थ भारत को हमारा लक्ष्य होना चाहिए। यह एक समृद्ध भविष्य की कुंजी है। बनेगा स्वस्थ इंडिया जैसे कार्यक्रम अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम करते हैं और इस साल पिछले 75 वर्षों में स्वास्थ्य के खेल-परिवर्तक पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य तकनीक बहुत आगे बढ़ गई है। यह तथ्य कि हम स्वदेशी और सस्ते टीके बनाने में सक्षम हैं, भारत की क्षमता के बारे में बताता है। स्वास्थ्य देखभाल हर व्यक्ति के लिए समावेशी और सुलभ होनी चाहिए।”

रेकिट के प्रेसिडेंट हेल्थ एंड ग्लोबल चीफ ऑफिसर क्रिस लिच ने कहा, “अपने उत्पादों और व्यवसाय से परे एक सकरात्मक सामाजिक प्रभाव पैदा करना हमारे उद्देश्य – एक स्वच्छ और स्वस्थ दुनिया की निरंतर खोज में सुरक्षा, उपचार और पोषण प्रदान करना- का एक स्वाभाविक विस्तार है। हमें पूरा भरोसा है कि हम समाज पर स्थायी प्रभाव पैदा करेंगे और अपने भागीदारों के साथ संयुक्त् राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने में योगदान देंगे।”

रेकिट में दक्षिण एशिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गौरव जैन ने कहा, “अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता तक पहुंच प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार होना चाहिए। हमारा लक्ष्य सभी के लिए अच्छा स्वास्थ्य है। इसका मतलब है कि हर भारतीय स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम है। यदि हम व्यक्तियों और समुदायों के रूप में बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम निस्संदेह अपने ‘लक्ष्य- संपूर्ण स्वास्थ्य का’ को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।”

रेकिट में दक्षिण एशिया के निदेशक (विदेश मामले और भागीदारी) रवि भटनागर ने कहा,”डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया प्लेटफॉर्म न केवल हमें एक बदलाव लाने का मौका देता है, बल्कि हमें उन सफलता की कहानियों का जश्न मनाने का भी मौका मिलता है जो वास्तव में पूरी दुनिया के दर्शकों के लिए प्रेरणादायक रही हैं। हम एसडीजी 17 (भागीदारी) पर काम करने में भरोसा करते हैं और प्रत्येक भारतीय के लिए एक स्वस्थ ‘सहस्त्र पूर्ण चंद्रोदयम’ (1000 पूर्णिमा तक जीवित रहना) प्रदान करने के लिए हम उचित सार्वजनिक, निजी और रोगी मिश्रण के माध्यम से ‘कोई पीछे न छूटे’ इस बात को सुनिश्चित करते हैं।”