बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही के नतीजे बेहद निराशाजनक रहे. मार्च तिमाही में बैंक को 1046.5 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. इस नुकसान की भरपाई करने के लिए बैंक ने एक सॉलिड प्लान बनाया है. इसके तहत BoB शेयरों और बांडों की बिक्री के जरिए 5,000 करोड़ ($690 मिलियन) रुपए जुटाने की कोशिश करेगी.
Bank of Baroda के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कहना है कि बोर्ड ने 5000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी जुटाने की मंजूरी दे दी है. 2,000 करोड़ रुपए QIP जैसे विकल्पों से कॉमन इक्विटी कैपिटल के रूप में जुटाए जाएंगे, जबकि बाकी 3,000 करोड़ रुपए एडिशनल टियर1 कैपिटल या टियर 2 कैपिटल इंस्ट्रूमेंट्स के जरिये जुटाए जाएंगे.
मालूम हो कि बैंक ने मार्च में संस्थागत निवेशकों से अपने पूंजी अनुपात को मजबूत करने के लिए 4,500 करोड़ रुपये जुटाए थे. मगर दक्षिण एशियाई देश का वित्तीय क्षेत्र कोरोनोवायरस महामारी की चपेट में आ गया, जिसका असर प्राइवेट बैंक के नतीजों पर भी पड़ा. मार्च के अंत में बैंक ऑफ बड़ौदा का सकल ऋण अनुपात 8.87% था, जो दिसंबर के अंत में 8.48% रहा था.
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा को दिसंबर तिमाही में 1,061 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट हुआ था. वित्त वर्ष 2020 के Q4 में भी बैंक को 506 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था. बैंक का नेट इंटरेस्ट इनकम 4% बढ़कर सालाना आधार पर 7,107 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 6,798.4 करोड़ रुपए रहा था. मार्च तिमाही में बैंक के प्रोविजंस और कंटिंजेंसीज 3,586 करोड़ रुपए रहे जो दिसंबर तिमाही में 3,434.6 करोड़ रुपये और एक साल पहले FY20 के Q4 में 6,645 करोड़ रुपए रहा था.