इंदौर। निरंतर बदलते न्यूट्रास्यूटिकल प्रोडक्ट डेवलपमेंट के क्षेत्र में, भारत इनोवेशन में सबसे आगे है, और कई अत्याधुनिक ट्रेंड्स को बढ़ावा दे रहा है जो इस इंडस्ट्री को एक नया आकार दे रहे हैं। पर्सनलाइज्ड न्यूट्रीशन से लेकर फंक्शनल फ़ूड और बायोएक्टिव कंपाउंड्स तक, ऐसे कई लेटेस्ट इनोवेशन हैं जिन्होंने जो न्यूट्रास्यूटिकल सेक्टर में क्रांति ला रही हैं।
हेल्थ और वेलनेस प्रोडक्ट्स के लिए प्रसिद्ध न्यूट्रास्युटिकल ब्रांड ब्लिस वेलनेस की को-फाउंडर हिरनी देसाई के अनुसार, “भारत न्यूट्रास्यूटिकल प्रोडक्ट डेवलपमेंट में इनोवेशन और विकास के लिए एक प्रमुख केंद्र बन रहा है। जैसे-जैसे उपभोक्ता अपने स्वास्थ्य और भलाई के प्रति अधिक जागरूक होते जा रहे हैं, पर्सनलाइज्ड न्यूट्रीशन, फंक्शनल फ़ूड और बायोएक्टिव कंपाउंड्स की मांग में वृद्धि जारी रहेगी, जो न्यूट्रास्यूटिकल उद्योग को और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगी। ब्लिस वेलनेस ने पिछले कुछ सालों में इस नए डेवलपमेंट में काफी काम किया है और बाकी ब्रांड्स के लिए एक प्रेरणा बनकर खड़े हुए हैं।
पर्सनलाइज्ड न्यूट्रीशन पर हिरनी देसाई बताती हैं कि, “न्यूट्रास्यूटिकल प्रोडक्ट डेवलपमेंट में पर्सनलाइज्ड न्यूट्रीशन को सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है और तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। ग्रैंड व्यू रिसर्च के अनुसार, ग्लोबल पर्सनलाइज्ड न्यूट्रीशन मार्केट 2025 तक $16.4 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जिसकी CAGR 9.0% है। टेक्नोलॉजी और डेटा एनालिटिक्स में विकास के साथ, कंपनियां जेनेटिक टेस्टिंग, बायोमार्कर एनालिसिस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एल्गोरिदम का उपयोग करके हर किसी की अपनी जरूरतों के अनुसार न्यूट्रीशन प्लान और सप्लीमेंट को तैयार कर रही हैं। यह पर्सनलाइज्ड अप्रोच न केवल कंज्यूमर सेटिस्फेक्शन को बढ़ाता है बल्कि पोषण संबंधी हस्तक्षेपों की प्रभावशीलता को भी अधिकतम करता है। ब्लिस वेलनेस कई वर्षों से इस अप्रोच पर काम कर रहा है।”
फंक्शनल फ़ूड और बायोएक्टिव कंपाउंड्स पर हिरनी कहती हैं कि, “न्यूट्रास्यूटिकल इनोवेशन में फंक्शनल फ़ूड पिछले कुछ सालों में काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है, जिसने भोजन और औषधि के बीच की सीमाओं कम दिया है। रिसर्च एंड मार्केट्स के अनुसार, भारत में फंक्शनल फ़ूड का बाजार 2021 से 2026 तक 10.6% की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है, जो बढ़ती जागरूकता और सुविधाजनक न्यूट्रीशनल सॉल्यूशन की मांग से प्रेरित है। भारत में, विटामिन, खनिज, प्रोबायोटिक्स और अन्य बायोएक्टिव कंपाउंड से भरपूर फंक्शनल फ़ूड काफी लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं क्योंकि उपभोक्ता अपने स्वास्थ्य और भलाई का समर्थन करने के लिए सुविधाजनक और प्रभावी तरीकों की तलाश कर रहे हैं। फोर्टिफाइड पेय पदार्थों से लेकर फंक्शनल स्नैक्स तक, बाजार में उपभोक्ता की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले प्रोडक्ट्स की बाढ़ आ गई है। वहीँ दूसरी तरफ पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड्स अपने शक्तिशाली स्वास्थ्य वर्धक गुणों के लिए पसंद किए जा रहे हैं। ट्रांसपेरेंसी मार्केट रिसर्च के अनुसार, भारत में बायोएक्टिव कंपाउंड्स का बाजार 2025 तक $1.5 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है। भारत में न्यूट्रास्यूटिकल उत्पाद डेवलपर्स इन्फ्लेमेशन, मानसिक स्वास्थ्य और हृदय स्वास्थ्य सहित कई स्वास्थ्य चिंताओं को कम करने वाले सप्लीमेंट्स और फंक्शनल फ़ूड को तैयार करने के लिए इन बायोएक्टिव कंपाउंड्स का उपयोग कर रहे हैं। हल्दी और अश्वगंधा जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड्स से समृद्ध पारंपरिक भारतीय औषधियां इन उत्पादों की अपील को और बढ़ाता है।”