मध्यम वर्ग की मांग में कमी को लेकर चिंताओं को दूर करते हुए, बजट में स्रोत पर कर कटौती की सीमाओं में संशोधन के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर स्लैब को पूरी तरह से तर्कसंगत बनाया गया है। इससे उपभोक्ता मांग और मध्यम वर्ग की बचत को बढ़ावा मिलने की संभावना है, जो बढ़ती महंगाई और कम आय वृद्धि की चुनौतियों का सामना कर रहा है।

वित्त मंत्री का राजकोषीय रणनीति खपत को बढ़ावा देने की ओर झुकाव है, जबकि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) का लक्ष्य 2024-25 के बजट योजनाओं से मोटे तौर पर अपरिवर्तित रखा गया है।

आज की बजट घोषणा से 2025-26 में 6.6% की जीडीपी वृद्धि की हमारी अपेक्षा मजबूत होती है। बाजार उधारी के मोटे तौर पर अपेक्षाओं के अनुरूप होने से बॉन्ड मार्केट के लिए कोई बड़ा आश्चर्य नहीं है। इसके साथ ही आरबीआई द्वारा आगामी दरों में कटौती और ओपन मार्केट खरीद से बॉन्ड यील्ड के कम होने की उम्मीद है।

  • साक्षी गुप्ता
प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट, एचडीएफसी बैंक

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