नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कंपनियों पर लगने वाले कर के आकलन में गड़बड़ियों एवं अनियमतताओं का जिक्र करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से कहा है कि वह ऐसी गलतियों से बचने के लिए एक पुख्ता आईटी प्रणाली एवं आंतरिक नियंत्रण व्यवस्था लागू करे।
कैग की कंपनी कर के आकलन पर तैयार रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की गई। यह रिपोर्ट 12,476.53 करोड़ रुपये के मूल्य वाले 356 कर मामलों की लेखा परीक्षा के बाद तैयार की गई है। यह रिपोर्ट कहती है, ये मामले मुख्यत: कंपनियों की आय एवं कर की गणना में हुई खामियों से संबंधित हैं। ब्याज के मामले में गड़बड़ी, मूल्य ह्रास, कारोबार और पूंजी के नुकसान को शामिल करने में अनियमितता और रियायतों एवं छूट में गड़बड़ी के भी मामले हैं।
कैग ने अपने लेखा परीक्षण में पाया है कि अधिक राशि वाले 356 मामलों में से 38 घटनाओं में 3,976.56 करोड़ रुपये के कंपनी कर आकलन में गड़बड़ी हुई। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने कहा है कि कर एवं अधिभार की गलत दरें लगना और ब्याज लगाने में खामियां होना आयकर विभाग के आंतरिक नियंत्रण में कमजोरी का संकेत है जिसे दुरूस्त करने की जरूरत है।