जहाँ कर्मचारी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) को बेचे जाने पर विरोध कर रहे हैं वहीँ चेयरमैन डी राजुकमार ने सरकार के इस कदम का साथ देते हुए कहा की बीपीसीएल को प्राइवेट करने से इसकी बहुत बड़ी वैल्यू क्रिएट होगी साथ ही हमारी टेक्नॉलजी भी अडवांस होगी और बाजार का दायरा भी ज्यादा ग्लोबल होगा। बदलाव की इस घड़ी में कंपनी के सभी कर्मचारी ऐंबैसडर की तरह काम करें।

19 नवंबर को मोदी कैबिनेट ने बीपीसीएल, भारतीय जहाजरानी निगम और कंटेनर कॉर्पोरेशन समेत पांच कंपनियों को प्राइवेट हाथों में सौंपने का फैसला किया था। बीपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी 53.29 फीसदी है। इस वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश के जरिए करीब 1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।