नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कई देशों ने अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। इससे मांग की कमी के चलते भारत समेत अन्य देशों में कंपनियों के लोगों को नौकरी से निकाले जाने की आशंका है। इसी को देखते हुए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने अपनी सदस्य कंपनियों से कर्मचारियों की छंटनी नहीं करने को कहा है। साथ ही आग्रह किया है कि वह अपने कर्मचारियों को बनाए रखें और जितना संभव हो सके उनकी छंटनियां ना करें। साथ ही छोटे सेवाप्रदाताओं का भी ख्याल रखा जाना चाहिए।
अन्य क्षेत्रों के अलावा कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा विमानन कंपनियाँ प्रभावित हुई है। गो एयर ने क्रमिक आधार पर अपने कर्मचारियों को बिना वेतन की छुट्टी पर भेजने की घोषणा की है। वहीं इंडिगो ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की है। कर्ज में डूबी सरकार विमानन कंपनी एअर इंडिया भी कर्मचारियों के वेतन में पांच प्रतिशत तक की कमी करने पर विचार कर रही है।
किर्लोस्कर ने कहा कि हमारी सरकार ने इस संकट के दौरान अच्छा काम किया है। सरकार को अर्थव्यवस्था को और सहारा देना चाहिए क्योंकि हमारा निर्यात प्रभावित हो रहा है। हमने सरकार से अनुरोध किया है कि सभी ऋणों की वसूली पर रोक लगाकर सरकार को उद्योग की मदद करनी चाहिए। वही केंद्र और राज्य सरकारों का लघु उद्योग क्षेत्र का जितना बकाया है उसका त्वरित भुगतान कर देना चाहिए। रिजर्व बैंक से लघु अवधि के लिए उसकी मौद्रिक नीतिगत दरों को नरम करने का भी आग्रह किया। ताकि व्यवस्था में नकदी की उपलब्धता बढ़ायी जा सके। इस हफ्ते की शुरूआत में रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कटौती के संकेत दिए हैं।