मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर का भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर बहुत बड़ा असर पड़ने की आशंका नहीं है, लेकिन आगे विकास की रफ्तार में तेजी लाने के लिए वित्तीय और मौद्रिक सहायता की जरूरत होगी. उन्होंने साथ ही कहा कि महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि क्या मौजूदा वित्तीय वर्ष में देश की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट दोहरे अंक में (10 या 10 फीसदी से ऊंची) होगी.

इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले मौजूदा वित्तीय वर्ष में 11 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था.