नई दिल्ली।  PM नरेंद्र मोदी ने Crypto currency को लेकर पहली बार सार्वजनिक तौर पर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरंसी पर सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए। अगर यह गलत नेटवर्क में पड़ गई तो इससे हमारे युवाओं की जिंदगी तबाह हो सकती है।

The Sydney Dialogue में पीएम मोदी ने कहा कि हमने पूरी दुनिया को CoWin प्लेटफॉर्म फ्री में मुहैया कराया है। इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर बनाया है। उन्‍होंने कहा कि Bitcoin या Crypto currency को ही लीजिए। सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए यह जरूरी है कि वे साथ मिलकर इस पर काम करें और गलत हाथों में जाने से रोकें। PM मोदी ने बताया कि भारत नई तकनीक की ओर बढ़ रहा है। टेलिकॉम सेक्टर में 5G और 6G पर काम चल रहा है।

बता दें कि सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी पर बिल ला सकती है। सूत्रों की मानें तो क्रिप्टोकरंसी को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही है। इसका इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ आकर्षित करने और आतंक के वित्तपोषण के लिए किए जाने की आशंका है।

RBI के मुताबिक अभी देश में क्रिप्टोकरंसी को लेकर कोई विशेष नियमन नहीं हैं। न ही देश में इस पर प्रतिबंध ही लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने को सख्त नियामकीय कदम उठा सकती है।

सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक निवेशक संरक्षण पर केंद्रित होगा क्योंकि क्रिप्टोकरंसी जटिल संपत्ति वर्ग में आती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद सरकार का इस विधेयक को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह में पेश करने का इरादा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त में कहा था कि उन्हें क्रिप्टोकरंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है। सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया दोनों हाल के महीनों में क्रिप्टो करंसी पर चिंता जता चुके हैं। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू होकर 23 दिसंबर को संपन्न होगा।