इंदौर.  त्योहारी सीजन की शुरुआत होते ही कंपनिया ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने के लिए तरह-तरह के लुहावने ऑफर ने रही है. कार कंपनिया इस साल ग्राहकों पर छूट की बौछार करने जा रही हैं। अगस्त में बिक्री 4.53 फीसदी घटने के बाद इस बार के त्योहारों में खरीदारों को आक​र्षित करने के लिए और अधिक छूट देने की तैयारी में हैं। शीर्ष 13 कार कंपनियों ने इस साल अब तक जो औसत छूट दी है, वह पिछले पूरे साल के मुकाबले 12 फीसदी अ​धिक है। मगर बिक्री को रफ्तार देने के लिए कंपनियां इस त्योहारी सीजन में 20,000 रुपये से लेकर 3.15 लाख रुपये तक छूट देने के लिए तैयार हैं।

मारुति सुजूकी, ह्युंडै मोटर, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और होंडा कार्स जैसी कंपनियां छूट देने में सबसे आगे हैं। पिछले साल भी त्योहारी सीजन में विभिन्न मॉडलों पर 25,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक छूट दी गई थी, जो 2022 के मुकाबले 40 से 45 फीसदी अधिक थी। उद्योग के आंकड़ों के आधार पर साल 2023 में शीर्ष 13 कंपनियों द्वारा दी गई औसत छूट 34,630 रुपये थी, जो 2024 में अब तक बढ़कर 38,816 रुपये हो गई है। जैटो डायनमिक्स के आंकड़े बताते हैं कि टोयोटा और होंडा ने इस साल अब तक अपनी छूट दोगुनी से ज्यादा कर दी है।

टोयोटा द्वारा दी गई औसत छूट इस साल 140 फीसदी बढ़कर 49,914 रुपये हो गई, जबकि 2023 में यह 20,795 रुपये ही थी। होंडा द्वारा दी गई छूट इस दौरान 120 फीसदी बढ़कर 15,412 रुपये से 33,930 रुपये हो गई। अन्य कंपनियों में फोक्सवैगन की छूट में पिछले साल के मुकाबले 70 फीसदी, टाटा मोटर्स की छूट में 64 फीसदी, ह्युंडै की छूट में करीब 50 फीसदी और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की छूट में करीब 29 फीसदी इजाफा दिखा है।

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार ग्रामीण मांग सुस्त होने से हाल में वाहनों की बिक्री घटी है। इसलिए बिक्री को रफ्तार देने के लिए इस त्योहारी सीजन में भारी छूट दी जा रही है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के नए अध्यक्ष सीएस विज्ञेश्वर ने कहा विभिन्न कंपनियों द्वारा भारी छूट दी जा रही है जो हाल के वर्षों में सबसे अधिक है। अक्टूबर में कई त्योहार आने वाले हैं और इसलिए यह वाहन कंपनियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण महीना है। विभिन्न डीलरों और विभिन्न राज्यों में छूट अलग-अलग हो सकती है, इसलिए उसका औसत निकालना मुश्किल होगा।

फाडा ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगस्त के अंत में यात्री वाहनों का स्टॉक चिंताजनक स्तर तक पहुंच गया था। उसने कहा था कि डीलरों के यहां 70 से 75 दिनों की बिक्री के लायक स्टॉक मौजूद है। करीब 7.80 लाख वाहन डीलरों के स्टॉक में पड़े हैं, जिनकी कीमत करीब 77,800 करोड़ रुपये है।