नई दिल्ली: मोदी सरकार के लिए एक राहत भरी खबर आई है। सरकार ने जारी किए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़ जनवरी-मार्च 2019 में शहरी बेरोजगारी दर घटकर 9.3 प्रतिशत रही, जबकि अप्रैल-जून 2018 में यह 9.8 प्रतिशत पर थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने अपनी त्रैमासिक सूचना में जनवरी-मार्च 2019 के आंकड़े जारी किए हैं। इसमें शहरी क्षेत्रों के लिए श्रमबल संकेतकों के अनुमान दिखाए गए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक़ समीक्षावधि में शहरी क्षेत्रों में पुरुषों में बेरोजगारी की दर 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि अप्रैल-जून 2018 में यह 9 प्रतिशत थी। इसी तरह महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर समीक्षावधि में 11.6 प्रतिशत रही, जो अप्रैल-जून 2018 में 12.8 प्रतिशत थी।
गौरतलब है कि बेरोजगारी दर के उच्च स्तर पर पहुंचने को लेकर सरकार को बार-बार कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा था। आंकड़ों में दिखाया गया था कि देश के श्रमबल में बेरोजगारी की दर 2017-18 में 6.1 प्रतिशत थी, जो 45 साल का उच्चतम स्तर था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से मार्च के दौरान शहरी क्षेत्रों में श्रमबल की भागीदारी का अनुपात (LFPR) मामूली सुधरकर 36 प्रतिशत पर पहुंच गया। यह अप्रैल-जून 2018 में 35.9 प्रतिशत था। इस वर्ष जनवरी-मार्च में शहरों में पुरुषों के मामले में यह अनुपात 56.2 प्रतिशत और महिलाओं के मामले में 15 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।