कॉरपोरेट वैलनेस  प्रोग्राम के बारे में जानिए आलोक अग्रवाल, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर – कॉरपोरेट, आईसीआईसीआई  लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस  से

  1. क्या आप एक उदाहरण दे सकते हैं कि कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम इस समय की जरूरतों को कैसे पूरा कर सकता है?

घर से काम करना (वर्क फ्रॉम होम) या “लॉकडाउन” न्यू नार्मल (नया सामान्य) हो गया है और कई विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में वर्तमान समाज का परिदृश्य बदलना तय है। हालांकि, इस न्यू नार्मल की अपनी चुनौतियाँ हैं और कंपनियों के लिए अपने कर्मचारियों को इन कठिन समय के बीच व्यस्त रखना कठिन  हो जाता है। हमारा मानना है कि कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्रामर्स को कर्मचारियों को प्रेरित करने, प्रोत्साहित करने और संलग्न करने के लिए एक रचनात्मक और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। इस तरह के आकस्मिकताओं के खिलाफ कर्मचारियों को निरंतर और प्रासंगिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए वेलफेयर पैकेजों को अपने दायरे और क्षमताओं में विकास करना चाहिए।

कॉर्पोरेट वेलनेस के क्षेत्र में अग्रणी होने के कारण, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने स्थिति को समझकर जल्दी जरुरी कदम उठाये। हमारी प्रोएक्टिव फिलॉसफी के कारण हमने कई प्लेटफार्मों के माध्यम से कोविड -19 के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न पहलें शुरू की हैं। उदाहरण के लिए, हमारे I LTakeCare एप में, हमने कोविड-19 के लिए एक खास सेक्शन जोड़ा है, जिसमें कोविड रिस्क चेक, सूचना बोर्ड, आँकड़े और लेख जैसी कई सुविधाएँ शामिल हैं।

इसके साथ ही इंडस्ट्री में सबसे पहले हमने अपने कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए इस समय में आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन देने के लिए कोविड-19 अवेयरनेस, मेंटल वेल-बीइंग, स्ट्रेस मैनेजमेंट, पेरेंटिंग और योग जैसे विषयों पर वेबिनार शुरू किये हैं।

  1. संस्थान में कार्यरत लोगों के मेंटल हाइजीन को बनाए रखने के लिए कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम्स क्या कर सकते हैं?

लॉकडाउन स्थिति में घर की चार दीवारों में बंद होकर काम करना कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ता है, जिससे उनमें तनाव, चिंता और अकेलेपन की भावना बढ़ने लगती है। वर्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि पांच में से एक भारतीय अपने जीवनकाल में अवसाद से पीड़ित हो सकता है। मानसिक बीमारी से जुड़े स्टिग्मा, जागरूकता की कमी और सीमित पेशेवर मदद के कारण, इन पीड़ितों में से केवल 10-12% को ही मदद मिल पाती है।

मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर एक व्यापक कार्यक्रम की आवश्यकता है। इसमें 24×7 टेली-कॉलिंग, डेडिकेटेड चैट, वीडियो परामर्श के साथ ऑनसाइट काउंसलर विजिट शामिल हो सकती है। प्रबंधन के पास संस्थान के कर्मचारियों की समग्र रिपोर्ट पहुंचाई जाती है और उसके आधार पर आवश्यक कार्यवाही के स्पष्ट निर्देश भी दिए जाते हैं। आवश्यकतानुसार कर्मचारियों के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श हेतु कर्मचारी सहायता कार्यक्रम किए जा सकते हैं।

  1. आपकी राय में, आधुनिक कॉर्पोरेट वेलनेस पहल को क्या अद्वितीय बनाता है?

संस्थानों में नियमित हेल्थ चेक, रैंडम हेल्थ टॉक्स या ऑनसाइट कैंप पर केंद्रित पारंपरिक समाधानों के बजाए अब प्रभावी वेलनेस सोल्यूशन्स जैसे एचआरए के साथ कस्टमाइज्ड हेल्थ पैकेज, ऑनसाइट मेडिकल रूम मैनेजमेंट के साथ अब साउंड हीलिंग, लाफ्टर योगा और एम्प्लॉई असिस्टेंस प्रोग्राम जैसी इंगेजमेंट एक्टिविटी करवाई जाने लगी हैं। इसके अलावा, जीवन शैली प्रबंधन और रोग प्रबंधन कार्यक्रमों जैसी विभिन्न वेलनेस से जुड़ी गतिविधियों में ग्राहकों को व्यस्त रखने के लिए एआई संचालित प्लेटफार्मों और एप-आधारित समाधानों में वृद्धि हुई है। यह तकनीक सक्षम पहल है जो कर्मचारी की आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलन योग्य है और इन कार्यक्रमों को अद्वितीय बनाती है।

  1. क्या आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने हमारे समय के सबसे संभावित स्वास्थ्य खतरों में से कुछ को दूर करने के लिए कोई पहल की है?

कोविड-19 के प्रकोप के कारण हमने चिकित्सकीय सलाह के लिए आहार विशेषज्ञ, परामर्शदाता, फिजियोथेरेपिस्ट के साथ मुफ्त चैट शुरू की है। इसके अलावा, हमने ILTakeCare प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने सभी ग्राहकों को टेली-परामर्श सुविधा प्रदान की है। यह उन्हें अपने घर पर ही सुरक्षित रहते हुए विशेषज्ञ चिकित्सा मार्गदर्शन और प्रिस्क्रिप्शन लेने में सक्षम बनाता है।

इसके अतिरिक्त, स्तन कैंसर भारत में महिला आबादी के लिए सबसे अधिक प्रचलित ऑन्कोलॉजिकल खतरों में से एक है। वर्तमान में, यह उपमहाद्वीप में सभी महिला कैंसर के मामलों का 30% से अधिक है। हालांकि, प्रारंभिक निदान (अर्ली डायग्नोसिस) और व्यवस्थित उपचारों (सिस्टेमेटिक ट्रीटमेंट्स) के ज़रिए सर्वाइवल रेट्स नाटकीय रूप से वृद्धि की जा सकती है। इस जानकारी के अभाव को कम करने के लिए, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने प्रारंभिक स्तर पर ही स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए, अपने ग्राहकों हेतु एक व्यापक ऑन-साइट कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम तैयार किया है। यह संस्था में काम करने वाली महिला कर्मचारियों में स्तन कैंसर के लक्षणों पर निगरानी रखता है और कर्मचारियों के लिए प्रासंगिक देखभाल के तरीके विकसित करने में सहायता करता है।

हाल ही में, एफडीए (FDA) द्वारा अनुमोदित ‘आई ब्रैस्ट एग्जाम डिवाइस’ के साथ जागरूकता पैदा करने और ऑन-साइट डायग्नोस्टिक के लिए 7 स्थानों में कार्यक्रम शुरू किया गया था। यह एफडीए, आईएसओ और डब्ल्यूएचओ-जीएमपी द्वारा प्रमाणित और अनुमोदित विशेष सेवाएं प्रदान करता है। 5% असामान्य मामलों का पता लगाने से कार्यक्रम की प्रभावशीलता साबित होती है। इस कार्यक्रम के द्वारा महिलाओं को उचित सलाह और स्वास्थ्य सेवाएं दी गई हैं।

  1. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस, एक प्रमुख भारतीय बीमाकर्ता के रूप में, कॉर्पोरेट वेलनेस स्पेस को फिर से परिभाषित करने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ कैसे उठा रहा है?

टेक्नोलॉजी तेजी से स्वास्थ्य सेवा सहित मानव जीवन के सभी पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरतों को कवर करने के साथ-साथ उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने ILTakeCare मोबाइल एप के माध्यम से एक अनोखा कैशलेस ओपीडी समाधान पेश किया है।

यह एप एक ग्राहक को उन सभी चीज़ों से जोड़ता है जो प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए बेहद आवश्यक हैं – एक डॉक्टर की खोज, डायग्नोस्टिक टेस्ट्स बुक करना, दवाइयाँ प्राप्त करना आदि। बुकिंग अपॉइंटमेंट से लेकर प्रिस्क्रिप्शन जारी करने तक, संपूर्ण मूल्य-श्रृंखला को डिजिटल कर दिया गया था। एप में लैब टेस्ट, फार्मेसी बिल और मेडिकल परामर्श शुल्क जैसे स्वास्थ्य देखभाल खर्चों का वास्तविक समय में परेशानी मुक्त प्रमाणीकरण भी शामिल है। कैशलेस ओपीडी हमारे मूल्यवान ग्राहकों के लिए आउट पेशेंट सेवा प्रदान करने के लिए एक सरल, परेशानी मुक्त, पेपरलेस समाधान है।

  1. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने कॉर्पोरेट सेटअप में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास किए हैं। लेकिन क्या स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करने के लिए कोई पहल की गई है?

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हेल्थ मैनेजमेंट प्रोग्राम्स प्रदान करता है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाइपरलिपिडेमिया, मोटापा आदि जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों की मदद करता है। पूरा कार्यक्रम विशेषज्ञ आहार विशेषज्ञों की मदद से जीवनशैली प्रबंधन (लाइफस्टाइल मैनेजमेंट) पर चलता है। इसने न केवल सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि ग्राहक समय के साथ स्वयं स्वस्थ आदतों को विकसित करें।

टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर हम एक स्वास्थ्य और फिटनेस एप पेश करते हैं, जिसमें कई स्वास्थ्य केंद्रित विशेषताएं हैं जैसे कि एक डाइट ट्रैकर, कैलोरी काउंटर, स्टेप्स काउंटर आदि। इसमें यूज़र को पानी पीने की याद दिलाने के लिए एक रिमाइंडर भी है, ताकि बॉडी हाइड्रेट रहे।

इसके अलावा, हम नियमित रूप से अपने ग्राहकों के लिए योग, ज़ुम्बा, एर्गोनॉमिक्स, आहार और पोषण, आंखों की जांच, दंत जांच, स्तन कैंसर की जांच आदि जैसे स्वास्थ्य और कल्याण शिविर आयोजित करते हैं ताकि किसी भी स्वास्थ्य संबंधी बीमारी से बचाव किया जा सकें।

  1. उद्योग में एक विचारशील नेता के रूप में, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस द्वारा कामकाजी महिलाओं के लिए क्या कार्यक्रम चलाए जाते हैं?

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में कामकाजी महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई कई सेवाएं हैं। इनमें 12-महीने की अवधि का एक व्यापक गर्भावस्था देखभाल कार्यक्रम शामिल है, जो गर्भवती महिलाओं की विशेष जरूरतों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह गर्भावस्था के बाद के मार्गदर्शन के लिए एक एंड टू एंड केयर प्रोग्राम है। यह व्यक्तिगत सेवाएं, चौबीसों घंटे चिकित्सा सलाहकार और आहार योजना, फिटनेस योजना, भावनात्मक परामर्श, साप्ताहिक स्वास्थ्य अपडेट और किफायती डायग्नोस्टिक और फार्मेसी सेवाएं प्रदान करता है।

इसके अलावा, अन्य कार्यक्रम जैसे ऑनसाइट कैंसर स्क्रीनिंग, कैंसर टीकाकरण, स्त्री रोग संबंधी जोखिम और समाधान कार्यशालाएं, महिला सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यशालाएं हैं, जिनका नामकरण कुछ महिलाएं हैं जो समग्र रूप से महिलाओं और उनके कल्याण पर केंद्रित हैं।

  1. लेकिन एक बार कॉर्पोरेट वैलनेस उपायों को लागू करने के बाद, क्या आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस नियोक्ताओं को पहल के परिणाम का आकलन करने में सहायता कर सकता है?

हमने संस्थाओं में स्वास्थ्य की स्थिति को मापने और निर्धारित करने के लिए एक व्यापक वेलनेस ऑडिट प्रणाली तैयार की है। यह प्रक्रिया बहुआयामी है और इसे तीन मोर्चों पर संचालित किया जाता है: शारीरिक, मानसिक और पोषण।

भौतिक मूल्यांकन दो हिस्सों में किया जाता है। पहले हिस्से में व्यक्तिगत कारक जैसे कि कर्मचारी की जीवन शैली, आदत, परिवार की बीमारी का इतिहास आदि और दूसरे हिस्से में व्यावसायिक से जुड़े पहलुओं का मूल्यांकन करता है जैसे कि काम का नेचर, एनवायरनमेंट, और शिफ्ट का समय।

मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति मनोवैज्ञानिक माप प्रणाली के माध्यम से जांच की जाती है, इसके बाद जरूरत पड़ने पर जोखिम मूल्यांकन कर परामर्श भी दिया जाता है। अंत में, पोषण संबंधी मूल्यांकन कर्मचारी की आहार की आदतों और कैंटीन प्रणाली के ऑडिट के बारे में 10 प्रश्नों के एक सेट के माध्यम से किया जाता है।

हाल ही में, हमने अपने एक मैन्युफैक्चरिंग क्लाइंट्स के साथ वेलनेस ऑडिट किया। इसका उद्देश्य उनके परिसर में हृदय संबंधी समस्याओं की जांच करना था। विशेषज्ञों की एक टीम ने एक व्यापक मूल्यांकन किया। कार्यप्रणाली में रैंडम सैंपलिंग, प्रश्नोत्तर, एचआरए, कैंटीन मूल्यांकन, वायु गुणवत्ता और प्रकाश जांच आदि के माध्यम से तथ्य निष्कर्ष शामिल थे।

रिपोर्ट में सिक बिल्डिंग सिंड्रोम और वातावरण में सुरक्षित सीमा से ज्यादा पार्टिकुलेट मैटर घुले होने का पता चला। ह्यूमन रिसोर्स प्रोफाइलिंग से पता चला है कि 88% कर्मचारियों में असामान्य रक्तचाप और 32% में हृदय संबंधी बीमारियों का पारिवारिक इतिहास था। हमने कार्यालय परिसर को शिफ्ट करने की सिफारिश की, जिसे कॉरपोरेट ने स्वीकार किया और सराहा।