नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को रिडेम्प्शन आय को इक्विटी में निवेश की इजाजत मिल गई है। शर्त है कि यह तय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। आपको बता दें कि इक्विटी में EPFO का निवेश केवल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के माध्यम से होता है और 31 जुलाई तक कुल निवेश 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, EPFO अपनी आय का 5% से 15% के बीच इक्विटी और संबंधित फंड्स आदि में निवेश कर सकता है।

अब नया क्लॉज जोड़ा गया है
एक खबर के मुताबिक इस संबंध में 24 अगस्त, 2023 से एक नया क्लॉज जोड़ा गया है। गाइडलाइन के मुताबिक अब EPFO बीएसई और एनएसई में लिस्टेड कंपनियों में निवेश कर सकेगा। ये वो कंपनियां होंगी जिनका मार्केट कैप 5000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा है।

पहले भी जारी किए जा चुके हैं नोटिफिकेशन
EPFO के निवेश को लेकर सरकार की ओर से दो नोटिफिकेशन पहले भी जारी किए जा चुके हैं। 23 अप्रैल 2015 के एक नोटिफिकेशन में ईपीएफओ से संबंधित निवेश के बारे में बात करती है। वहीं 29 मई 2015 के एक अन्य नोटिफिकेशन में निवेश की लिमिट आदि की चर्चा की गई है।

ब्याज पर भी पड़ता है असर
दरअसल, PF खाताधारक के अकाउंट में जमा रकम को EPFO अलग-अलग तरीके से निवेश करता है। इस निवेश के जरिए होने वाली कमाई का एक हिस्सा ब्याज के तौर पर PF खाताधारकों को दिया जाता है। EPFO के 6.5 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सब्सक्राइबर्स को PF अकाउंट में जमा राशि पर 8.15% ब्याज दिया जा रहा है।