-बैंक डिपॉजिट में 2.67 लाख करोड़ की कमी

मुंबई। पिछले 12-18 महीने से भारतीय बाजार में IPO का क्रेज जमकर चल रहा है। हालात यह हैं कि लोग अपने फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़कर इसका पैसा बाजार में लगा रहे हैं। इस वजह से पिछले पखवाड़े में बैंकों के डिपॉजिट में 2.67 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है।

RBI ने जारी किया आंकड़ा : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, दिवाली के बाद बैंकों के डिपॉजिट में तेजी से गिरावट आई है। 19 नवंबर को समाप्त पखवाड़े में बैंकों की जमा 2.67 लाख करोड़ रुपए घटकर 157.8 लाख करोड़ रुपए रह गई। 5 नवंबर 21 को समाप्त पखवाड़े के दौरान डिपॉजिट में 3.3 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई थी।

SBI ने रिपोर्ट में दी जानकारी : SBI के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जमा राशियों में यह वृद्धि और बाद में मंदी का रुझान काफी विपरीत है। डिपॉजिट में इतनी बड़ी ग्रोथ 1997 के बाद से पांचवीं सबसे बड़ी है। 25 नवंबर, 2016 को समाप्त पखवाड़े में 4.16 लाख करोड़ रुपए, 30 सितंबर 2016 के पखवाड़े में 3.55 लाख करोड़, 29 मार्च 2019 के पखवाड़े में 3.46 लाख करोड़ रुपए और 1 अप्रैल 2016 को समाप्त पखवाड़े में 3.41 लाख करोड़ रुपए की बढ़त हुई थी।

नवंबर 2016 में डिपॉजिट बढ़ा था : रिपोर्ट कहती है कि नवंबर 2016 में बैंक जमा में वृद्धि नोटबंदी के कारण हुई थी। वे कहते हैं कि हमारा मानना ​​है कि नए जमाने और अन्य कंपनियों के इश्यू के बाद शेयर बाजारों में तेजी की उम्मीद में लोगों ने बैंकों से रकम निकाली। 5 नवंबर, 2021 को समाप्त पखवाड़े में बैंकिंग सिस्टम में डिपॉजिट का फ्लो बढ़ा था। हालाँकि, जब इस तरह की कोई तेजी नहीं दिखी तो बैंकिंग जमाओं में तेजी कम हो गई और लगभग 80% जमा रकम वापस ले ली गई।

वे कहते हैं कि डिजिटल लेनदेन में आई तेजी के कारण चालू वित्त वर्ष में नकदी का कम उपयोग हुआ हो। इस बीच, यदि हम सभी कॉमर्शियल बैंकों के तिमाही डेटा को देखें तो पाएंगे कि पहली और दूसरी तिमाही में डिपॉजिट ग्रोथ 2.5% के समान लेवल पर बनी हुई है।

5 नवंबर के पखवाड़े में बढ़ा डिपॉजिट : इस बीच, 5 नवंबर को समाप्त पखवाड़े के दौरान सभी कॉमर्शियल बैंकों की क्रेडिट में 1.18 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। यह त्योहारी मांगों के कारण हो सकता है। सालाना आधार पर इसमें 7.1% की बढ़त है। रिपोर्ट कहती है कि 2021 सितंबर में 15.6 लाख नए निवेशक बाजार से जुड़े। 2020 सितंबर में 7.5 लाख निवेशक जुड़े थे। इस साल अप्रैल में 10.3 लाख, मई में 14.8 लाख, जून में 14.9 लाख, जुलाई में 15.4 लाख, अगस्त में 14.9 लाख निवेशक जुड़े।

पिछले साल अप्रैल में 4.1 लाख, मई में 4.2 लाख, जून में 5.6 लाख, जुलाई में 6.7 लाख और अगस्त में 8.2 लाख निवेशक जुड़े थे।