द पार्क इंदौर हमेशा से ही अपने सिद्धांत “एनीथिंग बट ऑर्डिनरी” को साकार करते हुए अनोखे और यादगार अनुभव प्रदान करता आया है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, इस बार द पार्क इंदौर प्रस्तुत कर रहा है एक अनूठा और मध्य भारत में पहली बार आयोजित होने वाला महोत्सव — फॉरेस्ट फूड फेस्टिवल, जिसमें मध्य भारत के जंगलों और जनजातीय जीवन की पारंपरिक रसोई का स्वाद आधुनिक अंदाज़ में परोसा जाएगा।

इस खास फूड फेस्टिवल का उद्देश्य है उन पारंपरिक व्यंजनों को जीवंत करना, जो वर्षों से आदिवासी समुदायों द्वारा बनाए जाते रहे हैं और जिनमें प्राकृतिक स्वाद, स्वास्थ्य और संस्कृति की एक अनूठी झलक मिलती है।

जंगल के स्वाद, हमारी थाली में

गेस्ट शेफ हर्षिता ककवानी के साथ एग्जीक्यूटिव शेफ संतोष यादव ने इस अवसर के लिए स्वयं जंगलों से प्रेरित दुर्लभ और औषधीय गुणों से भरपूर सामग्री जैसे अंबाड़ी के फूल, पलाश के फूल, मोगरा, महुआ आदि का चयन किया है, जिनका उपयोग स्थानीय जनजातीय समुदाय वर्षों से करते आ रहे हैं।

इन विशिष्ट सामग्री से बनाए गए व्यंजन न सिर्फ स्वाद में बेमिसाल हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी हैं। फेस्टिवल में शामिल कुछ आकर्षक व्यंजन हैं:

  • अंबाड़ी फूल और आलू की पारंपरिक सब्ज़ी
  • तीखी व खट्टी अंबाड़ी चटनी
  • महुआ से बनी अनोखी ब्राउनी और बर्फी
  • पलाश और मोगरा फूलों से बना देसी अंदाज़ में बर्फ का गोला
  • मोगरा मूस – एक फ्लोरल ट्विस्ट के साथ बना विशेष डिज़र्ट

द पार्क इंदौर के एफ एंड बी डायरेक्टर श्री सुदीप कंजीलाल का मानना है कि “स्वाद और स्वास्थ्य में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। परंपरा के स्वाद को ट्रेंड के साथ मिलाकर भी कुछ नया और पौष्टिक बनाया जा सकता है। फॉरेस्ट फूड फेस्टिवल इसी सोच का परिणाम है – जहाँ जनजातीय व्यंजनों को आधुनिक रसोई में नए रूप में सजाया गया है।”

फॉरेस्ट फूड फेस्टिवल न सिर्फ एक खाने का अनुभव है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा है जो आपको हमारे ही जंगलों की मिट्टी, फूलों और परंपराओं से जोड़ती है। यह अनुभव आपको बताएगा कि असली स्वाद कहीं गहराई में छिपा है – प्रकृति के करीब, हमारी जड़ों के आसपास।

 

 

 

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