कोरोना महामारी के दूसरे चरण में भारतीय अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे थे. मार्केट की अनिश्चितता के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भी भरोसा गड़बड़ा गया था. जिसके चलते दो महीने उन्होंने लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकालना जारी रखा. मगर हालात में सुधार आते ही एफपीआई ने दोबारा भारतीय शेयर बाजारों में भरोसा दिखाया और 13,269 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया.
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसियेट निदेशक (प्रबंधक अनुसंधान) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसकी वजह देश में कोविड-19 मामलों में लगातार आ रही कमी हो सकती है जिससे अर्थव्यवस्था के तेजी से खुलने की उम्मीद बढ़ी है. उन्होंने बताया कि साल की पहली तिमाही में अच्छे परिणाम और लंबे समय में सकारात्मक आय वृद्धि के रुख से भारतीय शेयरों में एफपीआई की रुचि बढ़ी है.
दो महीने जमकर हुई निकासी
डिपॉजिटरी के आंकड़े के मुताबिक एफपीआई ने एक जून से 30 जून के बीच शेयरों में 17,215 करोड़ रुपए के लिवाल रहे तथा बांड बाजार से 3,946 करोड़ रुपए की निकासी की. ऐसे में इस अवधि में उनकी ओर से कुल 13,269 रुपए का शुद्ध निवेश किया गया. इससे पहले मई और अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने 2,666 करोड़ और 9,435 करोड़ रुपए निकाल लिए थे.
इन क्षेत्रों में हुआ ज्यादा निवेश
एलकेपी सेक्योरिटीज के प्रमुख (अनुसंधान) एस रंगनाशन ने कहा, ‘जून में अप्रैल और मई में लगा लॉकडाउन धीरे-धीरे हटाया गया और एफपीआई ने सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त प्रौद्योगिकी और बीमा जैसे कई क्षेत्रों में शेयर खरीदे जो लार्ज कैप एवं मिड कैप आधारित थे.’
इन देशों में भी दिखाई दिलचस्पी
कोटक सेक्योरिटीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष (इक्विटी टेक्नीकल रिसर्च) श्रीकांत चौहान ने कहा कि ताइवान, दक्षिण कोरिया और फिलीपीन को छोड़कर ज्यादातर उभरती अर्थव्यवस्थाओं और एशियाई बाजारों में इस महीने अब तक एफपीआई ने निवेश किया है.