नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन नई दिल्ली जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से जुड़े घोषणापत्र पर आम सहमति हासिल कर ली गई है।

उन्होंने कहा, ”हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और आप सभी के सहयोग के कारण नयी दिल्ली जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन घोषणापत्र पर आम सहमति बन गई है। यह मेरा प्रस्ताव है कि हमें वैश्विक नेताओं की इस घोषणा को स्वीकार करना चाहिए। मैं इस घोषणापत्र को स्वीकार करने की घोषणा करता हूं। घोषणापत्र की जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि इस में एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के 60 शहरों में जी20 की बैठकें हुई। 37 पन्नों के घोषणापत्र में यूक्रेन का चार बार जिक्र किया गया है। जयशंकर ने कहा कि 2030 तक हम सतत विकास का लक्ष्य हासिल करेंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि जी-20 ने महामारी के बाद की विश्व व्यवस्था की आवश्यकता को समझा है, जो पहले की व्यवस्था से अलग है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जी 20 ने भारत को दुनिया के साथ प्रभावी ढंग से जुड़ने के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने उल्लेख किया कि दिल्ली घोषणा में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति में तेजी लाने की योजना शामिल है।

वित्त मंत्री सीतारमण बोलीं- समिट के दौरान 21वीं सदी की चुनौतियों पर चर्चा की गई
इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समिट में 21वीं सदी के चुनौतियों पर चर्चा की गई। इस दौरान वैश्विक समस्याओं के निराकरण पर जोर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक के दौरान क्रिप्टो के नियमन पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इस बात पर चर्चा की गई कि कोई भी देश पीछे ना छूटे। इस दौरान ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई।

भारत की जी-20 अध्यक्षता जी-20 के इतिहास में सबसे महत्वाकांक्षी रही है। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “मुझे अच्छी खबर मिली है। हमारी टीम की कड़ी मेहनत के कारण, नई दिल्ली जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन घोषणा पर आम सहमति बन गई है। मेरा प्रस्ताव इस नेतृत्व की घोषणा को अपनाने का है। मैं इस घोषणा को स्वीकार करने की घोषणा करता हूं। इस अवसर पर, मैं अपने शेरपा, मंत्रियों को बधाई देता हूं, जिन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की और इसे संभव बनाया।

जी20 की भारतीय अध्यक्षता के दौरान 73 परिणामों (प्रयास की लाइनें) और 39 संलग्न दस्तावेजों (अध्यक्षता से जुड़े दस्तावेज, जिसमें कार्य समूह के परिणाम दस्तावेज शामिल नहीं हैं) को अंतिम रूप दिया गया है। इन 112 परिणामों और अध्यक्षीय दस्तावेजों के साथ, हमने पिछले अध्यक्षीय कालों की की तुलना में दोगुना परिणाम हासिल किया है। पिछले प्रेसीडेंसियों की तुलना में परिणामों और संलग्न दस्तावेजों की संख्या दो गुने से पांच गुना तक है। ऐसे में जी-20 की भारतीय अध्यक्षता सभी जी-20 प्रेसीडेंसियों में सबसे महत्वाकांक्षी और कार्रवाई-उन्मुख रही है।