नागदा: जन स्वास्थ्य के लिहाज से स्वच्छ तथा आसानी से उपलब्ध पेयजल बहुत महत्वपूर्ण है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घोषित ‘जलजीवन मिशन’ भी 2024 तक सभी घरों में नल का पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखता है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के नागदा में गॉंव परमारखेड़ी में ग्रामीणों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाने के ग्रेसिम इंडस्ट्रीज द्वारा एक अत्याधुनिक आर ओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) प्लांट स्थापित किया गया है। 20 लाख रूपये की लागत से स्थापित इस प्लांट की क्षमता एक घंटे में 1500 लीटर पेयजल को प्रोसेस करने की है।
नागदा में अपने पहले विसकोज़ स्टेपल फाइबर मेन्युफेक्चरिंग प्लांट की स्थापना के साथ ही ग्रेसिम ‘मेक इन इण्डिया’ अभियान के अंतर्गत सफलता की कई कहानियां लिखने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक रहा है। 1947 में अपनी स्थापना के साथ ही ग्रेसिम समाज उत्थान में भागीदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इसमें बहुत प्रभावपूर्ण तरीके से नागदा और उसके आस पास के गाँवों की तस्वीर को बदलने के लिए किया गया शानदार कार्य भी शामिल है।
इसी कड़ी में श्री थावरचंद गेहलोत, केंद्रीय मंत्री, सामाजिक न्याय व पर्यावरण, भारत सरकार, श्री अनिल फिरोजिया सांसद, श्री दिलीप गुर्जर एमएलए-नागदा व खाचरौद तथा श्री दिलीप गौर, मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ द्वारा इस पहले आरओ प्लांट का शुभारम्भ कर इसे परमारखेड़ी गॉंव के निवासियों को समर्पित किया गया।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए श्री दिलीप गौर, मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ ने कहा-‘नागदा के स्थानीय समुदाय के लिए कल्याणकारी कार्य करना हमारी नीतियों का प्रमुख हिस्सा है। पिछले कई दशकों से हम इस क्षेत्र में आर्थिक व सामाजिक बदलाव लाने के लिए लगातार निवेश कर रहे हैं। यहाँ के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए किये जा रहे हमारे निरंतर प्रयासों के हिस्से के रूप में ही यह नया आर ओ प्लांट हम परमारखेड़ी के ग्रामीणों को समर्पित करते हैं। उत्कृष्ट जल प्रबंधन अभ्यास, जल संरक्षण की ओर हमारी प्रतिबद्धता का भी अभिन्न अंग है। परमारखेड़ी में इस नए आर ओ प्लांट के साथ हमें विश्वास है कि हम इस क्षेत्र में साफ़ व सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता के साथ कई जिंदगियों पर सकारात्मक असर डालेंगे।’
गौरतलब है कि पिछले 2 सालों से ग्रेसिम द्वारा प्रतिदिन परमारखेड़ी तथा इसके आस पास के गांवों में 14 टैंकर्स के जरिये 70,000 लीटर पेयजल की आपूर्ति निरंतर की जा रही है। साथ ही ग्रेसिम ने ग्रामीणों की सुविधा के लिहाज से 2000 लीटर के तीन पेयजल टैंक भी यहाँ स्थापित किये हैं।
ग्रेसिम ने पूर्व में ही नागदा में चंबल नदी पर 4 डैम्स बनाये हैं, जिनसे 2 लाख से भी अधिक लोगों को लाभ मिलता है. पिछले तीन वर्षों में ग्रेसिम के पल्प एन्ड फाइबर व्यवसाय में जल प्रबंधन के प्रयासों के जरिये पानी के उपयोग को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है। यह अपनेआप में एक बड़ी उपलब्धि है।
ग्रेसिम की अत्याधुनिक (स्टेट ऑफ द आर्ट) तकनीकें, जैसे कि मेम्ब्रेन प्रोसेस, उपयोग किये जा चुके गंदे पानी को साफ करने और रिसाइकल करने में मदद करती हैं. इन इनोवेशंस ने इस प्रक्रिया को और सुधारा है जिससे पानी के बार बार उपयोग को सम्भव बनाया जा सकता है और इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त पानी उपलब्ध करवाया जा सकता है।
आज ग्रेसिम द्वारा बनाये गए 30 बिलियन लीटर्स के पानी के स्टोरेज के साधन के जरिये प्लांट के साथ ही पूरे खाचरौद शहर और रेलवे की प्रतिदिन की पानी की जरूरत पूरी हो पाती है। ग्रेसिम के इन निरंतर अभियानों ने प्लांट के आस पास रहने वाले ग्रामीणों पर महत्वपूर्ण असर डाला है।
स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के साथ ही ग्रेसिम यहाँ शिक्षा, स्वास्थ्य, स्थाई रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तथा समाज सुधार जैसी चीजों के जरिये समुदाय को जोड़े रखने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने कम्युनिटी इंगेजमेंट प्रोग्राम के द्वारा ग्रेसिम 55 गॉंवों और 25 शहरी झुग्गी झोपड़ियों (निचली बस्तियों) के 1 लाख से अधिक लोगों तक पहुँच बनाकर उनका जीवन संवार चुका है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रेसिम हर सप्ताह अपनी मोबाइल वैन के जरिये निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएँ और दवाइयां उपलब्ध करवाते हैं। सैनिटेशन के क्षेत्र में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के अंतर्गत ग्रेसिम ने निजी शौचालयों के निर्माण में सहायता प्रदान की है।
ग्रेसिम ने इस सबके साथ ही एलईडी स्ट्रीट लाइट्स तथा स्कूल का फर्नीचर प्रदान करने तथा वेटरनरी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर जानवरों के टीकाकरण के लिए कैम्प लगाने जैसे कार्य भी सफलतापूर्वक किये हैं। साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें सिलाई का प्रशिक्षण देने के साथ ही सिलाई मशीन्स प्रदान करने का काम भी ग्रेसिम ने किया है।