मुंबई: हजारों अनुयायियों में प्रत्याशा और उत्साह बढ़ रहा है क्योंकि आर्ट ऑफ लिविंग-मुंबई 25 से 27 फरवरी के बीच वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर का स्वागत करने के लिए तैयार है, गुरुदेव 4 वर्षों के बाद शहर का दौरा कर रहे हैं।
25 फरवरी को शाम 7 से 9 बजे के मध्य गुरुदेव की उपस्थिति में महासत्संग के लिए हजारों लोगों के गोरेगांव के विष्णु हनुमान मैदान में आने की उम्मीद है, एक ऐसी शाम जो अवश्य ही ज्ञान, संगीत और उत्सव से भरपूर होगी।
27 फरवरी को, गुरुदेव हाईलैंड ग्राउंढस, ढोकली, ठाणे में सुबह 7:30 से 9:30 बजे के बीच महा रुद्र पूजा की अध्यक्षता करेंगे, जो एक पारंपरिक वैदिक समारोह है जिसमें भगवान शिव को रुद्र के परोपकारी रूप में सम्मानित किया जाता है। कहा जाता है कि रुद्र पूजा शांति और तृप्ति प्रदान करती है।
“परिवारों, समुदायों और पृथ्वी ग्रह में शांति के निर्माण का आधार आंतरिक शांति ही है, गुरुदेव कहते हैं,”आंतरिक शांति के बिना बाहरी शांति प्राप्त नहीं की जा सकती है।”
मान्यता है कि एक साथ ध्यान करने वाले कुछ लोग भी सकारात्मकता और शांतिपूर्ण स्पंदनों के द्वारा वातावरण को प्रभावित और परिवर्तित कर सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, रुद्र पूजा के बाद विश्व शांति के लिए शांति मंत्र का जाप किया जाएगा, जिसमें हजारों लोग उपस्थित होंगे। हजारों लोग शांति के लिए प्रार्थना और संकल्प के लिए ऑनलाइन भी जुड़ेंगे।
गुरुदेव 26 फरवरी को डोम, एनएससीआई, वर्ली में विज्ञान भैरव नामक प्राचीन ग्रंथ में छिपे रहस्यों को भी उजागर करेंगे।
महाराष्ट्र यात्रा एक नजर में
गुरुदेव की मुंबई यात्रा उनके महाराष्ट्र के दौरे का हिस्सा है, जहां इस महीने की शुरुआत में गुरुदेव ने कोल्हापुर, नांदेड़, वातुर, तुलजापुर और पुणे का दौरा किया था। गुरुदेव ने सार्वजनिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए शांति, सेवा, आशा और तनाव मुक्त जीवन का संदेश छात्रों से लेकर किसानों, कॉरपोरेट्स, नीति निर्माताओं, गृहणियों तक सभी को दिया। एक ऐसे समय में जब दुनिया शांतिपूर्ण, खुश और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के साधनों की तल्राश कर रही है; गुरुदेव की उपस्थिति ने जीवन को एक उत्सव बनाने की उनकी दृष्टि के अनुरूप प्रत्येक व्यक्ति को आनंद और आशा से भर दिया। 2 फरवरी को, गुरुदेव महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री, श्री एकनाथ शिंदे के साथ जलतारा परियोजना स्थल का दौरा करने के लिए वातुर गए, जिसे आर्ट ऑफ़ लिविंग की एक सहयोगी संस्था, व्यक्ति विकास केंद्र दवारा चल्राया जा रहा है। परियोजना का उददेश्य 254 गांवों में पुनर्भरण संरचनाएं बनाकर भूजल स्तर को बढ़ाना है। पहले से ही, 20,000 रिचार्ज कुएँ बनाए गए हैं, जहाँ पानी की उपलब्धता में वृद्धि के कारण किसानों की आय में 420% की वृद्धि हुई है और पानी का स्तर 44 फीट तक बढ़ गया है। पुणे में वापस आकर गुरुदेव ने 2 अन्य विश्वविद्यालयों के साथ पुणे विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित शिक्षा सम्मेलन (एड्यूमीट) के हिस्से के रूप में.5 लाख छात्रों के साथ शिक्षा से लेकर रिश्तों तक व नौकरियों और आध्यात्मिकता से जुड़े व्यापक विषयों पर बातचीत की। उन्होंने नांदेड़ में श्री हुजूर साहब के पवित्र स्थत्र का भी दौरा किया।