नई दिल्ली। भारत के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक, एचडीएफसी बैंक ने आज पूरे भारत में आरबीआई द्वारा अधिसूचित अनबैंक्ड रूरल सेंटर्स (यूआरसी) में 60 बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) बैंकिंग आउटलेट्स शुरू करने की घोषणा की। ये नए आउटलेट अब एचडीएफसी बैंक की यूआरसी नेटवर्क उपस्थिति को 5,020 आउटलेट्स तक बढ़ा देते हैं। गौरतलब है कि बैंक का 34% बीसी एजेंट नेटवर्क अब 10,602 गांवों में फॉर्मल फाइनेंशियल प्रोडक्ट और सर्विसेस देने का करने का काम करता है।
यह पहल सीएससी ई-गवर्मेंट के सहयोग से की गई थी। यह सूक्ष्म-उद्यमियों के रूप में कार्य करने वाले विलेज लेवल आंत्रपेन्योर (वीएलई) को भौतिक केंद्रों के माध्यम से सीधे अंतिम छोर तक आवश्यक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने में मदद करेगा और वंचित क्षेत्रों में समुदायों को सशक्त बनाएगा।
ग्राहकों को बैंक के व्यापक वित्तीय समाधानों से लाभ होगा, जिनमें शामिल हैं:
- एईपीएस-इनेबल्ड ट्रांजेक्शन के माध्यम से सुविधाजनक नकद जमा और निकासी
- ऋणों के ईएमआई संग्रह के लिए नेबरहुड लोकेशन
- बीमा सुरक्षा जाल बनाने के लिए सरकार समर्थित सामाजिक सुरक्षा योजनाएं
- सरकारी योजना का लाभ सीधे प्राप्त करने के लिए बैंक खाता खोलना
- वित्तीय नियोजन के लिए फिक्स्ड और रेकरिंग डिपाजिट विकल्प
- हाउसहोल्ड एस्पिरेशन को पूरा करने के लिए एसएलआई और किसान गोल्ड कार्ड जैसे ऋणों के माध्यम से ऋण तक पहुंच
सेंटर की जानकारी:
एसएच नाम | कन्फर्मेशन स्टेटस (उद्घाटन किये जाने वाले केन्द्रों की संख्या) |
असम और बाकि के उत्तरपूर्व में | 7 |
छत्तीसगढ़ | 8 |
मध्यप्रदेश | 2 |
झारखण्ड | 6 |
बिहार | 6 |
तेलंगाना और आँध्रप्रदेश | 10 |
उड़िसा | 10 |
केरल | 11 |
कुल योग | 60 |
इस पर बात करते हुए, सुश्री स्मिता भगत, ग्रुप हेड, रिटेल ब्रांच बैंकिंग-उत्तर, पूर्व और मध्य, एबीसीपी और रिटेल एफएक्स, एचडीएफसी बैंक ने कहा, “एचडीएफसी बैंक देश के दूर-दराज के इलाकों में भी वित्तीय समावेशीकरण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हमें खुशी है कि हमारे बीसी नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, लगभग 34%, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित अनबैंक्ड रूरल सेंटर्स (यूआरसी) में कार्य करता है। हमारा लक्ष्य इन समुदायों को सशक्त बनाना और एईपीएस लेनदेन, जमा सेवाएं, सरकार समर्थित बीमा और ऋण सुविधाओं तक पहुंच जैसी महत्वपूर्ण वित्तीय समाधान प्रदान करके सरकार के वित्तीय समावेशीकरण एजेंडे में योगदान करना है।”
सीएससी के एमडी श्री संजय राकेश ने डिजिटल नवाचार के महत्व पर बल देते हुए सुझाव दिया कि बैंक को बीसी केंद्रों पर विभिन्न प्रकार के डिजिटल उत्पादों और सेवाओं को शुरू करने पर विचार करना चाहिए। यह रणनीतिक कदम सीधे तौर पर कैचमेंट क्षेत्र के ग्राहकों को व्यापक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना है। इसके अलावा, श्री राकेश ने यूआरसी स्थानों पर बीसी के रूप में कार्य करने वाले वीएलई को सलाह दी कि वे स्थानीय ग्राहक आधार को प्रासंगिक वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करके एचडीएफसी बैंक और सीएससी साझेदारी के माध्यम से अपनी आय क्षमता को अधिकतम करें।