-3,200 करोड़ रुपए में हुई डील

मुंबई। वैश्विक स्तर की बड़ी फाइनेंशियल कंपनी HSBC ने L&T म्यूचुअल फंड को खरीद लिया है। यह डील 3,200 करोड रुपए में हुई है। भारतीय फंड इंडस्ट्री में यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा है।

HSBC ने इसकी देर रात घोषणा की। इस डील के बाद HSBC म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 12वें नंबर की कंपनी बन जाएगी। देश में कुल 43 फंड हाउस हैं। सितंबर तिमाही के अंत तक L&T म्यूचुअल फंड के पास कुल 80,300 करोड़ रुपए का असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) था। AUM का मतलब निवेशकों की जितनी रकम फंड हाउस के पास होती है।

11,300 करोड़ था AUM : HSBC का AUM 11,300 करोड़ रुपए था। इस तरह से दोनों का AUM मिलाकर 92 हजार करोड़ रुपए के पार हो जाएगा। HSBC ने L&T को कुल AUM की तुलना में 4% रकम चुकाकर उसे खरीदा है। अमूमन म्यूचुअल फंड में कुल AUM के करीबन 5% पर डील होती है। हालांकि इस समय के माहौल में 4% की यह डील अच्छी डील मानी जा रही है।

कई कंपनियों ने कारोबार समेटा : हाल के सालों में तमाम ग्लोबल फाइनेंशियल कंपनियों ने भारत में अपने फंड कारोबार को समेट दिया है। इसमें हालिया डील प्रिंसिपल म्यूचुअल फंड की हुई थी। इसके पहले जेपी मोर्गन, डच बैंक, गोल्डमैन सैश, फिडिलिटी और मोर्गन स्टेनली जैसे बड़े ब्रांड शामिल हैं। अमेरिकन फाइनेंशियल कंपनी इन्वेस्को ने रेलिगेयर को 2018 में खरीद लिया था। यह एकमात्र अपवाद वाली डील रही है।

सभी असेट्स खरीदेगी : HSBC की डील के मुताबिक, वह L&T की सभी असेट्स खरीदेगी, जिसमें स्कीम से लेकर AMC का पूरा बिजनेस होगा। HSBC इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हितेंद्र दवे ने बताया कि इस सौदे से उसे भारत में अपना बिजनेस बढ़ाने में मदद मिलेगी और साथ ही कंपनी लगातार अपनी ग्रोथ को बढ़ाएगी।

रेगुलेटरी मंजूरी लेनी होगी : हालांकि इस सौदे के लिए अभी कई सारी रेगुलेटरी मंजूरी भी लेनी होगी। दिलचस्प बात यह है कि 10 साल पहले L&T म्यूचुअल फंड ने फिडिलिटी के भारतीय बिजनेस को खरीदा था। उसके बाद से यह कंपनी लगातार ग्रोथ कर रही थी। पिछले 10 सालों में तमाम ग्लोबल फंड हाउस भारत से निकल गए। इसमें 2013 में HDFC म्यूचुअल फंड ने मोर्गन स्टेनली के फंड बिजनेस को खरीदा था।

डाइवा को खरीदा था SBI ने : इसी तरह देश के सबसे बड़े फंड हाउस SBI म्यूचुअल फंड ने डाइवा को खरीदा था जबकि 2014 में कोटक म्यूचुअल फंड ने पाइन ब्रिज को खरीदा था। आदित्य बिड़ला ने ING म्यूचुअल फंड को खरीदा था। 2015 में रिलायंस म्यूचुअल फंड ने गोल्डमैन सैश के भारतीय बिजनेस को खरीदा था। जबकि प्रमेरिका ने डच फंड हाउस को खरीदा था। 2016 में एडलवाइस ने जेपी मोर्गन को और सुंदरम ने इसी साल प्रिंसिपल म्यूचुअल फंड को खरीदा था।

इससे पहले 1998 में चोला म्यूचुअल फंड की शुरुआत हुई थी। उसे 2006 में DBS चोला किया गया क्योंकि DBS ने उसमें हिस्सेदारी खरीदी। फिर 2009 में L&T फाइनेंस ने DBS चोला को खरीदा। 2012 में L&T AMC ने फिडिलिटी को खरीदा और 2021 में HSBC ने L&T को खरीद लिया।