भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी काफी फायदेमंद होता है. ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार अलग—अलग कंपनियों कई तरह की पॉलिसी मुहैया कराती हैं.कोई भी पॉलिसी लेने के साथ पॉलिसी होल्डर को कुछ अधिकार भी मिलते हैं. इसके तहत अगर कोई पॉलिसीधारक इसे सरेंडर करना चाहता है या अन्य विकल्प चाहता है तो उसकी भी सुविधा मिलती है. आज हम पॉलिसी धारक के उन अधिकारों के बारे में जानेंगे, जो उन्हें प्रदान किए गए हैं.

15 दिनों में रद्द करा सकते हैं पॉलिसी

इंश्योरेंस रेग्लेटरी के ​निर्देशानुसार पॉलिसीधारक डॉक्यूमेंट मिलने के 15 दिन के अंदर इंश्योरेंस पॉलिसी रद्द करवा सकते हैं. यदि आपको पॉलिसी की कोई शर्त या नियम समझ में नहीं आता तो आपके पास उसे कैंसल करने का अधिकार है.

पॉलिसी रिटर्न पर पा सकते हैं प्रीमियम

अगर आपने कोई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी है, तो उसमें ‘फ्री लुक पीरियड’ दिया जाता है जिससे आप पॉलिसी को अच्छी तरह से समझ सकते हैं. इसके बावजूद ठीक नहीं लगे, तो कैंसल करवा सकते हैं. आप ठोस कारण बताकर पॉलिसी रिटर्न कर सकते हैं. इसके बाद आपको चुकाई गई प्रीमियम की रकम वापस मिल जाएगी. यदि बीमा कंपनी ने मेडिकल चेक-अप और स्टांप ड्यूटी के लिए खर्चा किया होगा, तो वो अमाउंट काट ली जाएगी.

जानकारी का अधिकार

IRDA के दिशा निर्देशों के अनुसार बीमा कंपनी या एजेंट को ग्राहकों को उसके द्वारा खरीदी गई पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी देनी जरूरी है. आपको बीमा पॉलिसी के फायदे, प्रीमियम, प्रीमियम का मोड, टर्म पीरियड, चार्जेस और टैक्स, सम अश्योर्ड जैसी तमाम जानकारी मालूम होनी चाहिए.

दूसरे फंड में स्विच करने का अधिकार

अगर आपने यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (ULIP) खरीदी है, तो आपके पास आंशिक निकासी का अधिकार है. आप दूसरे फंड में भी स्विच कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आप पॉलिसी में कुछ बदलाव चाहते हैं जैसे- प्रीमियम पेमेंट के मोड में बदलाव, पॉलिसी का टर्म पीरियड बदलना हो, सम अश्योर्ड बढ़ाना हो आदि आसानी से करा सकते हैं.