इंदौर। एक ओर जहां रेटिंग एजेसिंया अमेरिका और चीन जैसे देशों की रेटिंग घटा रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर इनका भारत पर भरोसा कायम है. दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती इकोनॉमी के लिए अब ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली की ओर से गुड न्यूज आई है। दरअसल, एजेंसी ने भारत की रेटिंग को बढ़ाते हुए ओवरवेट कर दिया है. वहीं चीन की रेटिंग को डाउनग्रेड किया गया है.

चार महीने में दूसरी बार अपग्रेड
भारत के बढ़ते कदमों पर तमाम एजेंसियों के भरोसे का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मॉर्गन स्टैनली ने महज चार महीने के भीतर भारत की रेटिंग को दूसरी बार अपग्रेड किया है. इससे पहले भारत की रेटिंग को इक्‍वलवेट किया गया था और अब ये रेटिंग एक बार फिर से बढ़ाते हुए ओवरवेट कर दी गई है. ब्रोकरेज फर्म ने ये उम्मीद भी जताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था भविष्य में भी इसी तरह बेहतर प्रदर्शन करेगी.

चीन-ताइवान की रेटिंग को घटाया
ब्रोकरेज फर्म Morgan Stanley ने चीन की रेटिंग को डाउनग्रेड किया है. ब्रोकरेज फर्म ने इस कम करते हुए Equal weight कर दिया है. इस संबंध में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि China में विकास और वैल्यूएशन से जुड़ी हुई चिंताएं बरकरार हैं. इसके अलावा चीनी बाजारों में तेजी का सिलसिला भी रुकने लगा है. चीन के अलावा मॉर्गन स्टेनली ने ताइवान की रेटिंग को भी डाउनग्रेड करते हुए इक्वलवेट कर दिया है.

विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीद
Morgan Stanley द्वारा भारत की रेटिंग को बढ़ाए जाने से निवेशकों का भरोसा देश के प्रति बढ़ेगा. ऐसा होने पर विदेशी इन्वेस्टमेंट का रास्ता भी साफ होगा और बाजार में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) आने से बड़ी तेजी संभवना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पिछले कुछ सालों में स्ट्रक्चरल रिफॉर्म देखने को मिले हैं, जिसका असर अब नजर आ रहा है. वित्तीय स्थिरता से कैपेक्स और प्रॉफिट आउटलुक को सपोर्ट मिला है.

भारत के अलावा कोरिया की रेटिंग को भी ओवरवेट किया गया है, जबकि ऑस्ट्रेलिया को डाउनग्रेड करते हुए अंडरवेट कर दिया गया है. यहां ये जानना जरूरी है कि आखिर इक्वलवेट, ओवरवेट और अंडरवेट रेटिंग का मतलब क्या होता है. तो बता दें Overweight का मतलब होता है कि देश का मार्केट दूसरे बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा. वहीं Equal Weight इस बात का संकेत देता है कि मार्केट का दूसरे बाजारों के बराबर प्रदर्शन करेगा. वहीं Underweight रेटिंग मार्केट का दूसरे बाजारों से पिछड़ना होता है.

फिच ने घटाई है अमेरिका की रेटिंग
इससे पहले बीते दिन ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) के अमेरका की सॉवरेन रेटिंग को घटाया था. एजेंसी ने अगले तीन वर्षों में संभावित वित्तीय गिरावट का हवाला देते हुए अमेरिका के लॉन्ग टर्म कर्ज रेटिंग को AAA से घटाकर AA+ कर दिया है. इस खबर का असर अमेरिकी बाजारों के साथ ही भारतीय स्टॉक मार्केट में भी दिखाई दे रहा है. बुधवार को सेंसेक्स लगभग 1000 अंक तक टूट गया था.

2031 तक 6.7 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनेगा भारत
एक ओर जहां मॉर्गन स्टेनली ने भारत पर भरोसा जताते हुए देश की रेटिंग को इक्वलवेट से ओवरवेट कर दिया है, तो वहीं एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत अगर अगले 7 साल तक औसतन 6.7 फीसदी की दर से वृद्धि करता है, तो इंडियन इकोनॉमी साल 2031 तक 6,700 अरब डॉलर (6.7 ट्रिलियन डॉलर) की हो जाएगी, जो फिलहाल 3.4 ट्रिलियन डॉलर की है. एसएंडपी ग्लोबल ने ‘लुक फॉरवर्ड: इंडियाज मनी’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है.