इंदौर/भोपाल/कोलकाता। कोलकाता में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों व औद्योगिक संगठनों के साथ चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश में निवेश करने का निमंत्रण दिया। इसके बाद कोलकाता समिट में मप्र को बड़ी सफलता मिली है। लगभग 20 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। बिरला समूह ने उज्जैन के बड़नगर में 3500 करोड़ रूपए की लागत से सीमेंट इकाई स्थापित करने की बात कही है।

बता दें कि कोलकाता में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों व औद्योगिक संगठनों के साथ चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश में औद्योगिक विस्तार की संभावनाओं के बारे में अवगत कराया। इस दौरान प्रतिष्ठित उद्योगपतियों, निवेशकों और व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधियों से सार्थक विमर्श के साथ औद्योगिक विस्तार पर भी विस्तृत चर्चा हुई। सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बनकर यहां निवेश के लिए आकर्षित कर रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पश्चिम बंगाल के उद्योगपतियों को अपनी गतिविधियों का मध्यप्रदेश में विस्तार करने के लिये आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि कोलकाता महाकाली का नगर है और वे स्वयं महाकाल की नगरी उज्जैन से आते हैं। महाकाल और महाकाली से ही सृष्टि का सृजन है। कार्यक्रम में प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, बुनियादी ढांचे व संसाधनों पर प्रेजेंटेशन भी दिया गया। यहां मध्यप्रदेश में कार्यरत उद्योगपतियों ने अपने अनुभव साझा किए।

कोलकाता समिट में प्रेसीडेंट सीआईआई एवं आईटीसी समूह के अध्यक्ष व एमडी संजीव पुरी, मध्यप्रदेश बिरला ग्रुप के एमडी व सीईओ संदीप घोष, स्वरा हाइजीन प्रा.लि. के एमडी आलोक बिरला और टाटा स्टील्स के एम.डी. संदीप कुमार शामिल हुए। समिट के बाद मध्य प्रदेश को विभिन्न क्षेत्रों से 19 हजार 270 करोड़ रूपये का निवेश प्राप्त हुआ है। खाद्य प्र-संस्करण, रसायन, सीमेंट, स्टील, प्लास्टिक और नवकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों से 19 हजार 270 करोड़ रुपये के निवेश प्राप्त हुए जिससे 9,450 रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। यहां देश-विदेश से आए लगभग 700 डेलिगेट्स और कई देशों के कांसुलेट एवं प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।

एमडी एवं सीईओ एमपी बिरला समूह के संदीप घोष ने कहा कि उज्जैन के बड़नगर में शीघ्र ही 3500 करोड़ रुपए की लागत से सीमेंट इकाई स्थापित की जाएगी। वहीं, स्वरा हाइजीन ने कोलकाता से अपना व्यवसाय इंदौर शिफ्ट किया है। एमडी स्वरा हाइजीन प्रा.लि. के आलोक बिरला ने कहा कि मध्यप्रदेश लैंड ऑफ़ अपॉर्चुनिटीज के साथ ऑपरेशनल ईज़ और पीस की भूमि है। डायपर तथा अन्य हाइजीन प्रोडक्ट निर्माता उनकी कंपनी ने अपना समस्त व्यापार कोलकाता से इंदौर शिफ्ट कर लिया है। वे 37 एकड़ क्षेत्र में 300 करोड़ के निवेश से अपनी गतिविधियों को विस्तार दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि विकास के कारवां में सरकार को उद्योगपतियों के साथ बराबरी से चलना होगा। मध्यप्रदेश में सभी औद्योगिक सेक्टर के लिए पर्याप्त संभावनाएं विद्यमान हैं। मुख्यमंत्री ने कोयम्बटूर सहित कोलकाता और देश के सभी हिस्सों के सभी क्षेत्रों के लोगों की उद्यमशीलता और सृजनशीलता को प्रदेश में आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि रेडीमेड गारमेंट, माइनिंग, ऊर्जा हो या पर्यटन का सेक्टर, सभी क्षेत्रों के मध्यम एवं भारी उद्योग प्रदेश में आमंत्रित हैं।