इंदौर। खादी के सुंदर और कपड़ों और रेशमी परिधानों की विस्तृत श्रृंखला लिए इन दिनों शहर में खादी बाजार 2020 सजा हुआ है। पर यहां केवल चरखे पर कताई के बाद सूत से बने परिधान ही नहीं हैं बल्कि बहुत से ऐसे उद्पाद हैं जो स्वदेशी प्रोडक्ड की ओर हमारा ध्यान खींच लेते हैं फिर चाहे वह कपड़ें हों, सजावटी सामान हो या खानपान की दुनिया। जहां चाय से लेकर चायनिज डिशेज तक के जायके को बढ़ाने के लिए खास मसाले उपलब्ध हैं। देश के दूर-दराज के गांवों की कारीगरी को लोगों तक सीधे पहुंचाने के उद्देश्य से खादी ग्रामोद्योग भवन, खादी ग्रामोद्योग आयोग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यह खादी बाजार लगाया गया है।

पूज्य महात्मा गांधी जी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में शहर के अर्बन हाट बाजार में लगे खादी बाजार में मसालों की भी कमी नहीं है। यहां बुरहानपुर के मशहूर नियामत मसाले लिए जा सकते हैं जिन्हें नियामत गृह उद्योग के जिया खां लेकर आए हैं। होटल जैसा स्वाद घर के बने खाने में कैसे आ सकता है इसका जवाब ये मसाले देते हैं। यहां करीब 15 तरह के मसाले उपलब्ध हैं जिनमें चाय से लेकर चायनिज डिशेज में डाले जाने वाले मसाले शामिल हैं। इसमें मुख्य रूप से सलाद मसाला, चाट मसाला, अचार मसाला, वेज मसाला, दाल मसाला, चना मसाला, गर्म मसाला आदि शामिल हैं। ये मसाले इनके द्वारा ही तैयार किए गए हैं ताकि घर में भी बेहतर स्वाद पाया जा सके और वह भी किफायती दाम पर शुद्धता के साथ। खादी बाजार में कश्मीर में आतंकवाद से प्रभावित परिवारों द्वारा तैयार रूमाल भी खास तौर पर लाए गए हैं। ये रूमाल 130 परिवारों द्वारा तैयार किए जा रहे हैं ।

प्रदर्शनी के संयोजक श्री पंकज दुबे के अनुसार इस 16 दिनी यहां केवल खादी और सिल्क के कपड़े ही नहीं बल्कि बहुत सी वस्तुएं उपलब्ध हैं जिनमें रोजमर्रा की जरूरतें, घर की सजावट और स्वाद व पूजन से संबंधित सामग्रियां भी शामिल हैं। फर्नीचर और कुश से बनी चटाई, आसन, डायनिंग सेट, कुशन मेट आदि भी यहां उपल्बध है। जिनके जरिए न केवल खादी बल्कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ाया देने का प्रयास किया जा रहा है।