-17 दिसंबर को केंद्रीय बोर्ड की बैठक में होगी गंभीर चर्चा

नई दिल्ली।  क्रिप्टोकरंसी को लेकर रिजर्व बैंक ने तैयारी तेज कर दी है। लखनऊ में 17 दिसंबर को आरबीआई के केन्द्रीय बोर्ड की बैठक होने जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में क्रिप्टोकरंसी पर गंभीरता से चर्चा होने की उम्मीद है।

सूत्रों का कहना है कि आरबीआई क्रिप्टोकरंसी को नियामकीय दायरे में लाने को लेकर बेहद सजग है और छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के साथ क्रिप्टोकरंसी के गलत उपयोग को लेकर बेहद चिंतित है। माना जा रहा है कि केन्द्रीय बोर्ड की बैठक में इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार होगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कई बार जोर देकर कह चुके हैं कि छोटे निवेशकों की इसमें बढ़ती हिस्सेदारी और इसके दाम में उतार-चढ़ाव चिंता पैदा करते हैं।

दास का कहना है कि छोटे निवेशक इतने सजग नहीं होते कि वह क्रिप्टोकरंसी के उतार-चढ़ाव से बचा सकें जिसकी वजह से उनकी पूंजी डूबने का खतरा बना रहता है। वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय बैंक क्रिप्टोकरंसी का मनीलॉन्ड्रि्ंग में उपयोग को लेकर भी चिंतित है। सरकार ने क्रिप्टोकरंसी को लेकर सभी हितधारकों और विशेषज्ञों की राय के लिए पूर्व वित्त मंत्री जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया है। क्रिप्टोकरंसी को लेकर आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी चिंता जता चुके हैं। राजन ने कहा था कि क्रिप्टो को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना मुश्किल है और समय के साथ केवल मुठ्टी भर क्रिप्टोकरंसी ही रह जाएंगी।

प्रधानमंत्री भी जता चुके हैं चिंता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में क्रिप्टोकरंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने क्रिप्टोकरंसी की चुनौतियां और इसकी तकनीक को लेकर सजग कदम उठाने की बात कही थी। वित्त मंत्री सीतारमण भी कह चुकी हैं कि सरकार क्रिप्टोकरंसी को करंसी का दर्जा नहीं देगी। वहीं आरबीआई भी इसे लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी ने हाल ही कहा था उन्हें क्रिप्टो तकनीक पर भरोसा है लेकिन क्रिप्टोकरंसी पर नहीं है।

क्रिप्टो पर शीतकालीन सत्र में बिल पर संशय : वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को लोकसभा को सूचित किया गया था कि क्रिप्टोकरंसी पर एक विधेयक तैयार किया जा रहा है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लिखित उत्तर में कहा था कि क्रिप्टोकरंसी पर एक विधेयक और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के नियमन को कैबिनेट के विचार के लिए अंतिम रूप दिया जा रहा है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि 23 दिसंबर को समाप्त होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में बहुप्रतीक्षित क्रिप्टोकरंसी कानून पेश नहीं किया जाएगा क्योंकि बिल का संसद के दोनों सदनों के एजेंडे में भी कोई भी जिक्र नहीं है।

सरकार की क्या है तैयारी : एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार प्रस्तावित क्रिप्टोकरंसी ढांचे में बदलाव पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, क्रिप्टोकरंसी बिल पर अभी भी काम चल रहा है और सरकार अभी भी नियामकीय प्रावधानों को अंतिम रूप दे रही है। प्रस्तावित बिल के मुताबिक क्रिप्टो एक्सचेंज को क्रिप्टोकरंसी निवेशकों का केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) ब्योरा पूंजी बाजार नियामक सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को देना होगा।

सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी को प्रतिबंधित करने और आरबीआई की डिजिटल करेंसी को विनियमित करने के लिए ढांचा तैयार करने पर काम कर रही है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी और इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। भारत में अभी क्रिप्टोकरंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन है।