भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम की धारा 6(2) और धारा 8 के प्रावधानों के उल्लंघन के चलते देश के सबसे बड़े निजी बैंक HDFC पर 10 करोड़ रुपए का मौद्रिक जुर्माना लगाया है. इस सिलसिले में आरबीआई ने बयान जारी करते हुए कहा कि बैंक के ऑटो ऋण पोर्टफोलियो के संबंध में कई व्हिसलब्लोअर शिकायत पाई गई. जिसकी जांच में कई अनियमितताएं पाई गईं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने पाया कि देश का सबसे बड़ा निजी बैंक ऑटो लोन से संबधित नियमों का पालन नहीं कर रहा है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने यह कार्रवाई नियामक अनुपालन में कमियों एवं बैंक की ओर से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर स्थिति स्पष्ट न करने की वजह से की है.
बताया जाता है कि RBI से एक व्हिसलब्लोअर ने बैंक के ऑटो लोन पोर्टफोलियो में गड़बड़ी होने की शिकायत दर्ज कराई थी. इसी के आधार पर आरबीआई ने बैंक की थर्ड पार्टी नॉन फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स से जुड़े दस्तावेजों की जांच की जिसमें गड़बड़ी पाई.इस मामले में RBI ने बैंक को कारण बताओ नोटिस जारीकर जवाब भी मांगा था.
इस पर बैंक ने स्पष्टीकरण दिया था, लेकिन आरबीआई बैंक से मिले जवाब से संतुष्ट नहीं हुई. लिहाजा जांच के दौरान नियमों के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर निजी बैंक पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक बैंक ग्राहकों को ऑटो लोन अप्रूव करने में पारदर्शिता नहीं बरत रहा था.