एचसीसीबी ने प्रीमियर बी-स्कूलों के इंटर्न्स को दिया अनूठा डिजिटल अनुभव
बेंगलुरू, 5 जून, 2020- हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेस ने जारी कोविड-19 महामारी के बीच देश के बी-स्कूलों के लगभग 30 इंटर्न को जगह देने के लिए डिजिटल तरीका अपनाया। एचसीसीबी ने ऐसे वक्त में इंटर्नशिप कार्यक्रम में जरूरत के मुताबिक बदलाव किए, जब देश के कई संगठनों ने व्यवस्था और संचालन संबंधी कारणों से अपने इंटर्नशिप कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
एचसीसीबी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य मानव संसाधन अधिकारी इंद्रजीत सेनगुप्ता कहते हैं, ”ऐसा लग रहा था कि महामारी खेल बिगाड़ने के लिए आ धमकी है, लेकिन एचसीसीबी ने पूरी तरह से डिजिटल होकर अपना वादा निभाने का फैसला किया! इसका नाता न सिर्फ हमारे मूल्यों के अनुरूप आचरण से था, बल्कि यह उनके कॅरियर से भी जुड़ा था। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि हम अपने कार्यक्रम की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते थे, जिसे हमने बड़ी मेहनत से डिजाइन और विकसित किया है। सही काम करना हमारे लिए मायने रखता है।”
एचसीसीबी के वर्चुअल समर इंटर्नशिप प्रोग्राम में काम करते हुए प्रशिक्षण, किसी वास्तविक कारोबारी समस्या से निपटना, ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से शुरुआत से अंत तक समाधान और वरिष्ठ नेतृत्वकर्ता टीमों के साथ परस्पर संवाद, ऑनलाइन मार्गदर्शन, डेटा विश्लेषण तथा प्रोजेक्ट के रिव्यू शामिल हैं। इंटर्नशिप के ऑनलाइन मॉड्यूल का मतलब यह भी है कि कंपनी को अपने डेटा और डेटाबेस तक पहुंच प्रदान करने की व्यवस्था करने के साथ ही सिस्टम्स, डेटा और उपकरणों की सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान देना था।
कार्यक्रम को इस तरह डिजाइन और निष्पादित किया गया है कि इंटर्न कार्यस्थल पर जाए बिना या किसी व्यक्ति से सीधी मुलाकात के बगैर ही कॉलेज से कॉर्पोरेट संसार तक का सफर सहजतापूर्वक पूरा कर लें। युवा स्नातकों के पास एचसीसीबी की सीईओ क्रिस्टीना रूगिएरो सहित लीडरशिप टीम के साथ नियमित अंतराल पर जुड़ने का मौका है। यह वर्चुअल अनुभव इंटर्न को अनुमति देता है कि वह किसी भी वक्त नेतृत्वकर्ताओं से किसी मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने के लिए कह सकें, और नेतृत्व करने वाले लोग सुनने के लिए हमेशा तत्पर भी रहते हैं।
इस अनुभव से इंटर्न्स को जो महत्वपूर्ण सबक मिले, उनमें शामिल हैं : मुसीबत और मुश्किल के मुताबिक खुद को ढालना, लचीला होना, और केवल उसी पर काबू पाने की कोशिश करना जो आपके नियंत्रण में हो। इस दौरान इंटर्न्स को लीडरशिप टीम से बातचीत करने और एक-दूसरे के साथ ऑनलाइन मेल-मिलाप का मौका मिला, जिससे उनके बीच अपनेपन की भावना पैदा हुई। इस तरह अधिकांश इंटर्न के लिए उनकी कंप्यूटर स्क्रीन “उनके घरों के अंदर एक घर” बन गई।