• 2027 के अंत तक गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में डिजिटल और वित्तीय समावेशन के माध्यम से 5 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर पॉजिटिव असर छोड़ने का लक्ष्य।

• महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल में डिजिटल सखी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया गया।

• वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक 7 राज्यों में 25 लाख से अधिक कम्युनिटी के सदस्यों तक डिजिटल वित्तीय साक्षरता का विस्तार किया गया।

गोरखपुर: लीडिंग नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स लिमिटेड (LTFH) ने आज उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में अपनी डिजिटल सखी परियोजना शुरू करने की घोषणा की है। कंपनी की प्रमुख सीएसआर परियोजना – ‘डिजिटल सखी’ – ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित और उन्हें सफलता पाने में मदद करती है, जो बदले में अपनी कम्युनिटी में महिला उद्यमिता और डिजिटल वित्तीय साक्षरता (डिजिटल फाइनेंशियल लिटरेसी) को बढ़ावा देती हैं।
गोरखपुर में परियोजना का शुभारंभ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल इन राज्यों में लागू डिजिटल सखी परियोजनाओं की सफलता के बाद किया गया है। विशेष रूप से, 2017 में अपनी शुरुआत के बाद से, डिजिटल सखी परियोजनाओं ने 1370 डिजिटल सखियों का एक समूह बनाया है, जिन्होंने 11,000 से अधिक महिला उद्यमियों को कौशल बढ़ाने में मदद की है। अकेले वित्त वर्ष 2022-23 में, डिजिटल सखियों ने डिजिटल और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के माध्यम से 4 राज्यों में 11 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित और सशक्त बनाया है।
डिजिटल सखी परियोजना गोरखपुर में 100 डिजिटल सखियों का एक समर्पित समूह बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो महिलाओं पर विशेष जोर देने के साथ समुदाय को मॉड्यूल-बेस्डए प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ये डिजिटल सखियां परिवर्तन के एजेंट के रूप में काम करेंगी, किसी इंडिविजुअल को डिजिटल दुनिया और वित्तीय सेवाओं की जटिलताओं को समझने के लिए आवश्यक कौशल और जानकारी मुहैया कराएंगी।
इसके अलावा, यह परियोजना 600 से अधिक महिला उद्यमियों को मजबूत बिजनेस प्लान विकसित करने और बैकवर्ड और फॉरवर्ड मार्केटिंग लिंकेज की सुविधा प्रदान करके अपना समर्थन प्रदान करेगी। मौजूदा सरकार और सामाजिक पात्रता (सोशल एंटाइटलमेंट) योजनाओं और अंतिम छोर पर मौजूद लाभार्थियों के बीच अंतर को कम कर, डिजिटल सखी परियोजना संसाधनों के प्रभावी उपयोग और कम्युनिटी के विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास करती है।
एलटीएफएच के मैनेजिंग डायरेक्ट्र और सीईओ, दीनानाथ दुभाशी ने कहा कि हमारे कई रिटेल बिजनेस सीधे ग्रामीण समुदायों के साथ जुड़ते हैं, जिससे हमें ग्राहकों की जरूरतों के बारे में एक व्यापक जानकारी मिलती है या कह सकते हैं उनकी जरूरतों का एक व्यापक दृष्टिकोण मिलता है। जिसमें कम्युीनिटी के भीतर मौजूद किसी तरह का गैप यानी अंतर भी शामिल हैं। 2017 में, इस अंतर को भरने से हमारी प्रमुख डिजिटल सखी परियोजना की शुरुआत हुई, जिसके परिणामस्वरूप उन सभी राज्यों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुईं, जहां परियोजनाएं लागू की गई हैं। हमारी कंपनी में, हम वित्तीय शिक्षा और सशक्तिकरण की शक्ति में मजबूती से भरोसा करते हैं। डिजिटल सखी परियोजना के माध्यम से, हमारा लक्ष्य डिजिटल गैप को भरना और इंडिविजुअल, विशेषकर ग्रामीण महिलाओं को उनकी पूरी क्षमता को अनलॉक करने में सक्षम बनाना है। हमें विश्वास है कि यह पहल गोरखपुर में बड़े पैमाने पर कम्युानिटी की वित्तीय स्वतंत्रता और विकास का मार्ग खोलेगी।
एलटीएफएच ने डिजिटल सखी परियोजना के कार्यान्वयन के लिए BAIF लाइवलीहुड (एक गैर-लाभकारी संगठन) के साथ साझेदारी की है। आजीविका विकास में BAIF लाइवलीहुड की विशेषज्ञता साथ ही डिजिटल और वित्तीय समावेशन के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाने की एलटीएफएच की प्रतिबद्धता के साथ, यह सहयोग उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और उसके आसपास के गांवों में एक स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाने का वादा करता है।
डिजिटल सखी परियोजना कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति एलटीएफएच की निरंतर प्रतिबद्धता और इसके द्वारा सेवा प्रदान करने वाले समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रति इसके समर्पण का प्रतीक है। डिजिटल प्रौद्योगिकी और वित्तीय साक्षरता का लाभ उठाकर, इस परियोजना का लक्ष्य गोरखपुर के लोगों के लिए एक स्थायी और सशक्त भविष्य बनाने का है।