कोरोना काल के चलते कई लोगों की नौकरी छूट गई है, तो वहीं बहुत से लोगों के आर्थिक संस्थान कम हो गए हैं. ऐसे में घर का खर्च उठाना एक बड़ी चुनौती बन गया है. इस समस्या से बचने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की वार्षिकी जमा योजना मददगार साबित हो सकती है. इसमें ग्राहक बैंक में एकमुश्त राशि जमा करके अपने लिए हर महीने रेगुलर इनकम का जुगाड़ कर सकते हैं. इस योजना का लाभ किसी भी एसबीआई शाखा से लिया जा सकता है.

एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, खाताधारक को समान मासिक किश्तों (ईएमआई) में एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है. ईएमआई में मूलधन का एक हिस्सा शामिल होता है और साथ ही घटती मूलधन राशि पर ब्याज, त्रैमासिक अंतराल पर चक्रवृद्धि और मासिक मूल्य पर छूट दी जाती है.

कौन कर सकता है निवेश

एसबीआई की इस स्कीम में निवेश के लिए आवेदक एक नाबालिग से लेकर व्यस्क तक कोई भी हो सकता है. इसमें संयुक्त या एकल अकाउंट खुल सकता है. एनआरई और एनआरओ की श्रेणी में आने वाला कोई भी व्यक्ति इस सुविधा का उपयोग नहीं कर सकता है.SBI वार्षिकी जमा योजना में न्यूनतम 25,000 जमा करना आवश्यक है, जबकि अधिकतम सीमा नहीं है.

योजना की दूसरी खासियत

SBI वार्षिकी जमा योजना के तहत 3 साल, 5 साल, 7 साल और 10 साल के मैच्योरिटी विकल्प उपलब्ध हैं.ब्याज की दर वही है जो जमाकर्ता द्वारा चुने गए सावधि जमा/अवधि की सावधि जमा पर लागू होती है. मान लीजिए कि आप पांच साल के लिए फंड जमा करते हैं, तो आपको पांच साल की सावधि जमा पर लागू ब्याज दर के अनुसार ही ब्याज मिलेगा. फिलहाल एसबीआई पांच से 10 साल में मैच्योर होने वाली जमाओं पर 5.40% ब्याज दर देता है. तीन से पांच साल से कम समय में मैच्योर होने वाली एफडी के लिए, एसबीआई 5.30% की ब्याज दर प्रदान करता है.

वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर

एफडी की तरह, वरिष्ठ नागरिकों को एसबीआई वार्षिकी योजना में लागू दर से 50 आधार अंक (बीपीएस) अधिक मिलेगा. एसबीआई स्टाफ और एसबीआई पेंशनभोगियों को देय ब्याज दर लागू दर से 1% अधिक होगी.