निर्यातकों के संगठन फियो (FIEO) कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 400 अरब डॉलर के ‘थोड़े महत्वाकांक्षी’निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आक्रामक मार्केटिंग स्ट्रैटिजी और नए बाजारों में उतरने की जरूरत है. भारतीय निर्यात संगठनों के संघ (फियो) के नव निर्वाचित अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि ब्रिटेन, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) से देश के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इन समझौतों से विपणन को बढ़ावा मिल सकता है और इससे विदेशी निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने पत्रकारों ने कहा, ‘‘निवेश आकर्षित करने और इकाइयों को स्थानांतरित करने में वियतनाम की सफलता के कई कारणों में एक दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ उसका प्रभावी FTA है. यह बेहद उत्साहजनक है कि सरकार कई व्यापार भागीदारों के साथ इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ रही है.’’ उन्होंने उद्योग और सरकार दोनों से अपने विपणन बजट को बढ़ाने का आग्रह किया.
MPI कोष बढ़ाने की जरूरत
शक्तिवेल ने सरकार को सुझाव दिया कि बाजार पहुंच पहल (एमपीआई) कोष को 200 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से बढ़ाया जाए और अगले पांच वर्षों में निर्यात को 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने के लिए विपणन योजना तैयार की जाए. उनका कहना है कि इसके लिए एमपीआई कोष को सालाना 1000 करोड़ रुपये तक ले जाने का भी विचार किया जाना चाहिए.
400 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है. यह अभी कुछ बड़ा लगता है पर पर इसे प्राप्त किया जा सकता है. इसके लिए आक्रामक मार्केंटिंग नीति और नए बाजारों में कदम रखने की जरूर होगी. फियो के नए अध्यक्ष ने कहा, ‘ मेरी प्रथमिकता निर्यात को प्रोत्साहित करने की होगी. मैं एक निर्यात संवर्धन प्रकोष्ठ बनाऊंगा . यह प्रकोष्ठ निर्यात के लिए नए बाजारों और नए उत्पादों की पहचान करेगा.’
निर्यात राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए
फियो विदेशों में भारतीय राजनयिक मिशनों से सीधा सम्पर्क बना कर संबंधित देश में भारतीय माल और सेवाओं का निर्यात बढाने के प्रयास करने की योजना पर विचार कर रहा है. शक्तिवेल ने कहा कि ‘निर्यात राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए. सभी हितधारकों को इस प्रयास में तालमेल से काम करना चाहिए.’