मुंबई : बीएसई में सूचीबद्ध मेसर्स मर्केटर लिमिटेड, में लिक्विडिटी का अभाव और स्टॉक के कारण बैंकरप्सी का परिदृश्य दिखाई दिया। उल्लेखनीय है कि मर्केटर लिमिटेड ने अपना व्यापारिक रुझान कोयला, तेल और गैस, कमोडिटी ट्रांसपोर्टेशन तथा ड्रेजिंग जैसे विविध प्रकार के व्यवसायों की ओर किया।
इसके बावजूद मर्केटर की आमदनी के साधन ठोस बने रहे। उनके 1200 करोड़ रूपये मूल्य के दावे भी हैं। और इस प्रकार कम्पनी का मूल्य इसके 1500 करोड़ रूपये की देनदारियों की तुलना में अधिक है। ईबीटीडीए के 500 करोड़ रूपये की संभावनाओं के लिए मात्र 70-80 करोड़ रूपये के विनियोग की आवश्यकता होगी।
मर्केटर डीसीआई से 50 करोड़ रूपये तथा ब्याज का आर्बिट्रेशन (मध्यस्थता) जीत चुके हैं। इसका भुगतान अब कभी भी हो सकता है। ओएनजीसी से 1200 करोड़ रूपये के आर्बिट्रेशन के दावे भी अंतिम अवस्था में हैं। इसके अतिरिक्त कम्पनी के कुछ बीमा दावे भी हैं। इन सबसे 1200 करोड़ रूपये से अधिक वसूली होगी जबकि कुल देनदारियां 1500 करोड़ रूपये है।
कम्पनी अपने कर्जों के पुनर्निर्धारण के लिए भी चर्चारत है। यह बार यह निर्धारित हो जाने पर स्टॉक अपनी सही सम्भाव्य आमदनी को दर्शा सकेगा तथा 400-500 करोड़ रूपये का न्यूनतम मार्केट कैप सम्भव हो सकेगा।
कैम्बे बेसिन के ब्लॉक में से एक में 2 लाइट स्वीट क्रूड ऑइल सीबी-9 भी खोजे गए हैं म्यांमार के दोनों ब्लॉक्स खोज की शुरूआती अवस्था में हैं। इसके अलावा मोबाइल ऑफशोर ड्रिलिंग यूनिट (एमओडीयू) को एमओपीयू में बदलने के लिए की जाने वाले ईपीसीआईसी (ईपीसी+इंस्टालेशन और कमीशनिंग) प्रोजेक्ट की अंतिम अवस्था में है. इन परिवर्तनों के साथ ही कम्पनी की लाभप्रदता समुचित रूप में बढ़ेगी। मर्केटर के शेयर का वार्षिक उच्च स्तरीय मूल्य 20 रूपये प्रति शेयर था जो कि अब लगभग मात्र 1 रूपये की फेस वैल्यू पर उपलब्ध है और आगे इसके बढ़ने के अच्छे अवसर हैं।