नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने पेट्रोलियम उत्पादों को संशोधित कराधान व्यवस्था के तहत लाने की सिफारिश नहीं की है। ये जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में दी है। पंकज चौधरी ने बताया कि सरकार को पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने के लिए कुछ अनुरोध मिले हैं।
पेट्रोलियम क्रूड, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्पिरिट (आमतौर पर पेट्रोल के रूप में जाना जाता है), प्राकृतिक गैस और विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) पर मंत्री ने सीजीएसटी अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि इन उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने की सिफारिश की आवश्यकता होगी।
इससे पहले सरकार ने सोमवार को कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पेट्रोल, डीजल सहित पेट्रोलियम पदार्थो से उपकर समेत कुल 3,72,970 करोड़ रुपये के उत्पाद शुल्क का संग्रह किया गया। 2019-20 में पेट्रोल, डीजल पर उपकर समेत 2,23,057 करोड़ रुपये के उत्पाद शुल्क का संग्रह हुआ था और 2020-21 में कुल 3,72,970 करोड़ रुपये के उत्पाद शुल्क का संग्रह किया गया। मौजूदा वित्त वर्ष में 3,35,000 करोड़ रुपये के संग्रह का अनुमान है।