देश में कोविड-19 (COVID-19) की जारी दूसरी लहर और तीसरी लहर की आशंका के बीच कई दवा विनिर्माता और लाइफ साइंस की कंपनियां अगले कुछ महीनों के दौरान पूंजी बाजार से आईपीओ के जरिये 7,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटाने की तैयारी कर रही हैं. निवेश बैंकरों के अनुसार ग्लेनमार्क लाइफसाइंसेज (Glenmark Lifesciences), दवा निर्माता कंपनी सुप्रिया लाइफसाइंसेज (Supriya Lifesciences), दवा फार्मूला कंपनी विंडलास बायोटेक (Windlass Biotech), एमक्योर फार्मा (Emcure Pharma) और सीएक्स पार्टनर्स द्वारा फंडेड वीडा क्लिनिकल रिसर्च (Veeda Clinical Research) ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना बनाई है.

7 हजार करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद

इन्वेस्टमेंट बैंकर के मुताबिक़ ये कंपनियां आईपीओ (IPO) के जरिए पूंजी बाजार से 7,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटाने की योजना बना रही हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आईपीओ क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हुआ था. सेंसेक्स और निफ्टी के नए शिखर पर पहुंचने के बीच फार्मा कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन साल भर सबसे अच्छा रहा.

फार्मा शेयरों में मिला 500 फीसदी से ज्यादा रिटर्न

वर्ष 2020-21 में आरती फार्मा (Arti Pharama) कंपनी के शेयरों में 501 फीसदी रिटर्न मिला, ग्रानुएल्स (Granuels) के शेयरों ने 201 फीसदी की छलांग लगाई, जे एंड बी चेम (J&B Chem) के शेयर 145 फीसदी बढ़े, ऑरबिंदो फार्मा (Aurobindo Pharma) में रिटर्न दुगना हो गया. डिवी (Divi) के शेयर 104 फीसदी चढ़ गये, इप्का लैब्स (Ipca Labs) में 97 फीसदी की बढोतरी हुई और अजंता फार्मा (Ajanta Pharma) के शेयर 72 फीसदी चढ़ गए. यही वजह है कि वर्ष के दौरान बंबई शेयर बाजार का स्वास्थ समूह सूचकांक नए शिखर पर पहुंच गया.

भारतीय बाजार से विश्व बाजार में 50 फीसदी वैक्सीन की आपूर्ति की गई है जबकि जेनेरिक दवाओं की 40 फीसदी आपूर्ति अमेरिका को और 25 फीसदी दवाओं की ब्रिटेन को आपूर्ति की जाती है. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान घरेलू दवा बाजार में 1.4 लाख करोड़ का कारोबार रहा और इसमें इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई. दवा कारोबार 2025 तक 100 अरब डॉलर के आंकड़े को छू जाने का अनुमान है.