देश के पहले ई-फार्मेसी यूनिकॉर्न फार्मईजी (PharmEasy) ने मेडिसिन ई-रिटेलर कंपनी मेडलाइफ (Medlife) का अधिग्रहण कर लिया है। इस डील के कारण  PharmEasy अब देश की सबसे बड़ी ई-फार्मा कंपनी बन गई है। PharmEasy ने Medlife को कितने में खरीदा है, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। इस डील के मुताबिक, Medlife आज से अपना कारोबार बंद कर देगी और कंपनी के यूजर PharmEasy के कस्टमर बन जाएंगे।

इस डील के बाद PharmEasy ने कहा कि मेडलाइफ के अधिग्रहण से हेल्थकेयर इंडस्ट्री में हमरा पोजीशन मजबुत होगा। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अधिग्रहण के बाद कंपनी अब हर महीने 20 लाख कस्टमर्स को अपनी सेवाएं देगी। PharmEasy के फाउंडर धवल शाह ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में कहा कि इससे हमें अधिक से अधिक भारतीय घरों में क्वालिटी हेल्थकेयर प्रोवाइड करने में मदद मिलेगी।

कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने पहले ही दोनों कंपनियों के मर्जर को अपनी मंजूरी दे दी थी। आपको बता दें कि यह डील कितने में हुई है, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। लेकिन जुलाई 2020 में बाजार सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि PharmEasy अपनी प्रतिद्वंद्वी मगर छोटी कंपनी Medlife को 20 करोड़ डॉलर यानी करीब 1500 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए बातचीत कर रही है।

सूत्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर उस बताया था कि जून 2020 में बेंगलुरु स्थित मेडलाइफ अपने ग्रोथ के लिए पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 100 से 150 मिलियन डॉलर जुटाने का तैयारी कर रही थी। लेकिन उस समय Medlife को कोई निवेशक नहीं मिला था।