इंदौर। घर-घर में जंक फूड, बेकरी आइटम्स की बढ़ती खपत से कई समस्याएं पैदा हो रही हैं। एक और चरबी, मोटापा से युवाओं की सेहत खराब हो रही है तो दूसरी और कुपोषण से बच्चों की मौत हो रही है । दोनों ही तरह की विसंगतियों को दूर करने के लिए सितंबर माह को पोषण माह घोषित किया गया है, ताकि देशवासियों को संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित किया जा सके ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भोजन में मोरधन, कोदो, सामा आदि को शामिल करने की अपील की है ताकि हर देशवासी सेहतमंद रह सके। जिस तरह के अनाज को उन्होंने थाली में शामिल करने के लिए कहा वो साबु ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड, सेलम द्वारा वर्षों से तैयार किया जा रहा है । उनकी मंशा को बल देने के लिए कम्पनी इंदौर में नयी फैक्टरी लगाने पर भी योजना बना रही है । वैज्ञानिक शोध भी प्रमाणित करते हैं कि भगर-मोरधन-कोदो जैसे धान ओट्स से ज्यादा पोषक हैं और ये डायबिटिज कम करने के साथ हर तरह के विटामिन्स की कमी पूरी करते हैं।
विदेशी अपना रहे, हम छोड़ रहे
हमारे देश में मोरधन का उपयोग खासतौर पर व्रत, उपवास के दिनों में ही किया जाता है, लेकिन कर्इ देशों में इसे सामान्य भोजन के साथ खाया जाता है। विदेशियों ने इस अनाज पर पहले रिसर्च की और इसके पोषक तत्वों की जानकारी हासिल कर इसे प्रोत्साहित किया । यह एशिया महाद्वीप में सबसे ज्यादा चायना और भारत में ही उगाया जाता है। इसलिए बाकी देशों में इसकी बड़ी मांग है। हम जो धान उगाते हैं वो काफी गुणवत्तापूर्ण और विटामिन्स से भरपूर है। इसलिए विदेशी इसे अपना रहे हैं जबकि हम छोड़ रहे हैं। एक बार फिर अपने आहार पर चिंतन कर इस अनाज को भोजन में शामिल किया जाना चाहिए ।
वर्षों से मोरधन पसंद, कोदो की भी तैयारी
साबु ट्रेड प्रा.लि. के प्रबंध निर्देशक श्री गोपाल साबु ने बताया – अल्पाहार मोरधन (भगर) हमारी कंपनी वर्षों से तैयार कर रही है जिसका सप्लाय सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रहा है। इसकी न्यूट्रीशियस वैल्यू सामान्य अनाज से काफी ज्यादा होती है । प्रधानमंत्री की अपील से प्रेरित होकर हम अब कोदो मिलेट भी तैयार करने जा रहे हैं । किसानों से उत्तम किस्म का कोदो बुलवाकर छिलका उतार कर ,धूल-कंकड़ साफ कर छोटे -बड़े पैकेट में देशवासियों के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा । रियायती कीमत में कोदो मिलेट की सर्वोत्तम किस्म देशवासियों को दी जाएगी ताकि वे बेहद आसानी से इसे खरीदकर अपने भोजन में शामिल कर सकें ।
कीटनाशकों, रसायन से दूर
श्री साबु ने बताया – मोरधन, कोदो आदि मिलेट्स घास में उगता है । प्रचूर मात्रा में विटामिन्स और प्रोटीन्स वाले इन अनाजों की खासियत यह है कि इसमें किसी भी तरह के कीटनाशक रसायन या दूसरे हानिकारक पदार्थों का इस्तेमाल कृषि में बिल्कुल भी नहीं होता और वे सारे विटामिन्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो मानव शरीर के लिए जरूरी होते हैं। यह डायबिटिज की समस्या को कम कर बीमारियुओं को दूर करने में सहायक है । विदेशों में इस पर कर्इ रिसर्च हो चुके हैं और यह प्रमाणित भी हो चुका है । अपने देश की मिट्टी में बिना रसायन उपजे ये बहूआयामी अल्पाहार मोरधन, कोदो, हल्दी जैसे खाद्य सिर्फ उच्च गुणवत्ता वाले पोषक खाद्य ही नही बल्कि आधुनिक जीवनशैली से जुडी कइ बीमारीयों से भी मुक्त करते हैं ।
यह कहा प्रधानमंत्री ने
गौरतलब है कि सितंबर महीने को पोषण माह घोषित करते हुए 30 अगस्त को आयुष मंत्रालय के कार्यक्रम में कहा कि आज हम देखते हैं कि जिस भोजन को हमने छोड़ दिया, उसको दुनिया ने अपनाना शुरू कर दिया । जौ, ज्वार, रागी, कोदो, सामा, बाजरा, सांवा, ऐसे अनेक अनाज कभी हमारे खान-पान का हिस्सा हुआ करते थे । लेकिन ये हमारी थालियों से गायब हो गए । अब इस पोषक आहार की पूरी दुनिया में डिमांड है ।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यह कहने के बाद देश में एक बार फिर मोटे अनाजों की चर्चा शुरू हो गई है। साबु ट्रेड प्रा.लि., सेलम हमेशा से ही पोषक आहार तैयार कर देश को समर्पित करता आया है और आने वाले समय में भी इसी तरह के उन्नत व गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाता रहेगा।