नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरूवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि अनुमान लगाया जा रहा था कि आरबीआई एक बार फिर रेपो रेट में कटौती कर सकती है, ताकि होम लोन, कार लोन सहित अन्य लोन की ईएमआई सस्ती हो सके, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। आरबीआई के मुताबिक रेपो दर 5.15 फीसदी पर बरकरार रहेगी। तीन दिसंबर को मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू हुई थी और 5 दिसंबर को रेपो रेट की घोषणा हुई। केंद्रीय बैंक खुदरा महंगाई को ध्यान में रखते हुए प्रमुख नीतिगत दरों पर फैसला लेता है। इस साल रेपो दर में कुल 1.35 फीसदी की कटौती की गई है।
Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das: As regards the external sector, exports contracted in September-October 2019 reflecting the persisting weakness in global trade but non-oil export growth returned to positive territory in October, after a gap of 2 months. pic.twitter.com/7gAQXItLWm
— ANI (@ANI) December 5, 2019
नौ सालों में पहली बार रेपो रेट इतना कम है। मार्च, 2010 के बाद यह रेपो रेट का सबसे निचला स्तर है। रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी है बैंक रेट 5.40 फीसदी पर है। 2019 में छह बार की बैठक में कुल 1.35 फीसदी की कटौती की जा चुकी है। बावजूद इसके अर्थव्यवस्था को गति मिलना तो दूर, लगातार गिरावट दिख रही है। रेपो रेट के अतिरिक्त आरबीआई ने जीडीपी का अनुमान जताया है। केंद्रीय बैंक के अनुसार साल 2019-20 के दौरान जीडीपी में और गिरावट आएगी और यह 6.1 फीसदी से गिरकर पांच फीसदी पर आ सकती है।