इंदौर : ग्रामीण स्वास्थ्य को नई दिशा देने के उद्देश्य से मेदांता हॉस्पिटल इंदौर द्वारा रविवार 19 जनवरी 2025 की शाम को एक भव्य सरपंच मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में सरपंचों और ग्रामीण प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, मेदांता स्टाफ द्वारा सरपंचों का तिलक लगाकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मेदांता हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. संजय गीद ने समारोह के दौरान “सरपंच मित्र कार्ड” की भी घोषणा की। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष, और जनपद पंचायत सी.ई.ओ. भी मेदांता के इस महत्वपूर्ण प्रयास के साक्षी बनने के लिए मौजूद रहे। इस आयोजन में ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूक किया गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हृदय, लिवर, किडनी, हड्डियों और गठिया जैसी बीमारियों पर विस्तार से चर्चा की और उनके समाधान के बारे में जानकारी दी।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. सुजीत जाना ने हार्ट अटैक के लक्षणों और इसके बढ़ते मामलों पर चर्चा की। उन्होंने बताया, “तनाव, खराब खानपान और प्रदूषण के कारण हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। थकान, बेचैनी, पसीना आना, और लगातार ब्लड प्रेशर व शुगर की समस्याएं हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं। गोल्डन ऑवर के महत्व को समझते हुए, हार्ट अटैक की स्थिति में तुरंत एस्प्रिन लें और अस्पताल पहुंचें।”
नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ, डॉ. अरविंद किंगर ने टीकाकरण के महत्व पर बात करते हुए कहा, “वैक्सीन केवल इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बनाई जाती है और यह शरीर को किसी भी प्रकार से हानि नहीं पहुंचाती।” उन्होंने पोलियो और अन्य बीमारियों के वैक्सीनेशन का उदाहरण देते हुए टीकाकरण को सुरक्षित और प्रभावी बताया।
पेट और लिवर रोग विशेषज्ञ, डॉ. अरुण भदौरिया ने स्वस्थ पेट और लिवर के लिए संतुलित और पोषणयुक्त आहार लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “अत्यधिक तला-भुना और पैक्ड फूड से बचें। हरी सब्जियां, प्रोटीन और मिनरल्स युक्त भोजन अपनाएं। नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रण से पेट और लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है। मोटापा पेट और हृदय संबंधी बीमारियों का मुख्य कारण बन सकता है।”
यूरोलॉजिस्ट, डॉ. अंशुल अग्रवाल ने पथरी की समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “भारत में अत्यधिक गर्मी और पानी की कमी के कारण पथरी के मामले अधिक हैं। इसके लिए पर्याप्त पानी पिएं और नियमित जांच कराएं। किडनी के रोगों का इलाज अब लेप्रोस्कोपी पद्धति से संभव है, जिससे छोटे से छोटे और बड़े रोगों का निदान किया जा सकता है।”