पीथमपुर। एनर्जी एफिशिएंट पंप्स और मोटर्स निर्माण की अग्रणी कंपनी शक्ति पंप्स (इंडिया) लिमिटेड को “अ सर्फेस हेलिकल पंप कंस्ट्रक्शन विथ कोलिनियर फ्लो” के आविष्कार के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ है। पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार ने 1970 के पेटेंट अधिनियम में निर्धारित प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करते हुए, शक्ति पंप्स को यह पेटेंट प्रदान किया है। यह पेटेंट 20 वर्षो की अवधि के लिए वैध है और यह शक्ति पम्पस् का दसवां पेटेंट है।
शक्ति पंप्स का यह इनोवेशन आरओ झिल्ली में रुकावट आने पर भी लगातार जल प्रवाह को जारी रखता है, इस इनोवेशन के साथ शक्ति पंप्स की रिसर्च टीम ने सेंट्रीफ्युगल पम्पस् में अक्सर होने वाली समस्या का समाधान कर दिया है। इसकी बेहतरीन डिजाइन एफिशिएंसी को बढ़ाती है। बार बार झिल्ली बदलने की जरूरत को कम करके रखरखाव की लागत कम करती है और आरओ इंडस्ट्री को एक बेहतरीन आर्थिक समाधान देती है। पंप की एनर्जी एफिशिएंसी न केवल लागत को घटाती है बल्कि कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में भी योगदान करती है, जिससे एनवायरमेंटल सस्टेनेबिलिटी गोल्स पूरा करने में मदद मिलती है। शक्ति पंप्स का यह पेटेंट फ्लूइड टेक्नोलॉजी में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसने समस्या का ठोस समाधान दिया है और इस इंडस्ट्री के अग्रणी इनोवेटर के रूप में कंपनी की स्थिति को और भी मजबूत किया है।
शक्ति पंप्स के चेयरमैन श्री दिनेश पाटीदारजी ने नई पेटेंट टेक्नोलॉजी के बारे में कहा, “हमारे पंप की शानदार एफिशिएंसी बिजली की खपत को काफी कम करती है, जिससे आरओ इंडस्ट्री को सीधे लाभ होता है और उनका रेवेन्यु बढ़ता है। बिजली की खपत में यह कमी से कार्बन फुटप्रिंट घटाने में भी मदद मिलती है, जो पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है। भारत का लक्ष्य अधिक से अधिक एनर्जी एफिशिएंट बनने और एक इकोफ्रेंडली, सस्टेनेबल फ्यूचर का निर्माण करना है, हमें गर्व है कि हमारी नई तकनीक से हम अपने देश को ये लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रहे हैं।”