अमेरिकी फेड के फैसले का असर भारतीय शेयर बाजार में देखने को मिला. इस सप्ताह के कारोबारी दिन गुरुवार को सेंसेक्स 500 अंक से ज्यादा टूट गया. उसी क्रम में निफ्टी भी 11 हजार के आंकड़े के नीचे चला गया. इस साल में 7 महीने बाद 11 हजार के जादुई आंकड़े को गंवा दिया निफ्टी ने. इससे पहले साल के दुसरे महीने फरवरी में निफ्टी 11 हजार के आंकड़े से नीचे आया था. वहीं 12 बजे के बाद सेंसेक्स में भी 500 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. गिरावट के साथ सेंसेक्स 37 हजार के नीचे आ चूका है. मार्च महीने में बड़ी गिरावट हुई थी सेंसेक्स में. इससे पहले सेंसेक्स 93.94 अंकों की गिरावट के साथ 37,387.18 पर, जबकि निफ्टी 25.2 अंकों की कमजोरी के साथ 11,060.20 के स्तर पर शुरू हुआ.
कारोबार– कारोबार के शुरुआती 1 घंटे में वेदांता के शेयर 4 फीसदी तक टूट गए. टेक महिंद्रा, एचडीएफसी, यस बैंक, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस और एक्सिस बैंक के शेयर में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट हुई. वहीं पावर ग्रिड, इंडसइंड बैंक, टीसीएस, एचयूएल और एचसीएल के शेयर हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे. कारोबारियों के मुताबिक अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मजबूत होने तथा घरेलू शेयर बाजारों के सतर्कता में खुलने से भी रुपये पर दबाव रहा.
मार्केट में गिरावट की वजह– चौथाई फीसदी की कटौती अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बेंचमार्क दरों में की. पिछले एक दशक में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बैंक के इस फैसले से खुश नहीं हैं. ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि फेडरल रिजर्व बस ब्याज में कटौती कर रहा है और अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए राहत पैकेज जैसी उम्मीद न की जाए. बता दें कि दुनिया भर के बाजारों की निगाहें फेडरल रिजर्व बैंक के इस फैसले पर टिकी थी. इस बीच, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों तथा विदेशी निवेशकों की जारी बिकवाली से गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 41 पैसे गिरकर 69.20 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया. बुधवार को यह 68.79 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.