टार्जन प्रोडक्ट 15%, पेटीएम 4% और IRCTC 6% टूटा
मुंबई। शेयर बाजार में सुबह भारी गिरावट के बाद दोपहर में जमकर तेजी दिखी। अंत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 153 पॉइंट्स (0.27%) की तेजी के साथ 57,260 पर बंद हुआ। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 27.50 (0.16%) अंकों की तेजी के साथ 17,053 पर बंद हुआ।
पिछले हफ्ते लिस्ट हुए टार्जन प्रोडक्ट के शेयर्स में आज 15% की गिरावट रही। सुबह हालांकि यह 10% ऊपर था, पर कुछ ही घंटे में इसमें भारी गिरावट आ गई। जबकि स्पासइजेट और IRCTC के शेयर्स 6-6% टूट कर बंद हुए। टार्जन का शेयर 715 रुपए, स्पाइसजेट का 70.60 रुपए पर और IRCTC का शेयर 776 रुपए पर बंद हुआ। पेटीएम का शेयर आज फिर 4.17% टूटकर 1707 रुपए पर बंद हुआ।
इससे पहले आज सुबह बाजार खुलते ही पहले मिनट में सेंसेक्स में करीबन 725 पॉइंट्स की गिरावट आई। लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 256.85 लाख करोड़ रुपए रह गया है। शुक्रवार को यह 258.31 लाख करोड़ रुपए था। पहले ही मिनट में करीबन 5 लाख करोड़ रुपए की कमी इसमें आई थी। शुक्रवार को इसमें 7.50 लाख करोड़ रुपए की कमी आई थी।
13 शेयर्स बढ़त में : सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 13 शेयर्स बढ़त में बंद हुए। बाकी 17 शेयर्स में गिरावट रही। उधर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी आज गिरावट में खुला। सेंसेक्स और निफ्टी पिछले कई महीने का रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। दोनों पहली बार 57 हजार और 18 हजार के नीचे पहुंच गए हैं। निफ्टी ने दिन में 17160 का हाई बनाया जबकि 16,782 का निचला स्तर बनाया।
निफ्टी के 46 शेयर्स गिरावट में : निफ्टी की 50 कंपनियों में से 35 कंपनियों के शेयर्स गिरावट के साथ बंद हुए। केवल 15 शेयर्स बढ़त में बंद हुए। निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स, निफ्टी बैंक और निफ्टी मिडकैप इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। गिरने वाले प्रमुख शेयर्स में भारत पेट्रोलियम, अडाणी पोर्ट, सन फार्मा और एनटीपीसी रहे। बढ़त वाले शेयर्स में टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक और अन्य शेयर रहे।
शुक्रवार को भारी गिरावट हुई थी : इससे पहले शुक्रवार को 2.87% या 1,650 पॉइंट्स की गिरावट दर्ज की गई। नेशनल स्टॉक का निफ्टी 510 पॉइंट्स या 2.91% गिरकर 17,026 पर बंद हुआ। 18 अक्टूबर को सेंसेक्स 61,765 पर बंद हुआ था। यह जनवरी में 48 हजार पर बंद हुआ था। 19 अक्टूबर को इसने 62,245 का रिकॉर्ड बनाया था। तब से सेंसेक्स 5 हजार पॉइंट्स या 8% गिर चुका है। बाजार में लगातार गिरावट का कारण कोरोना का नया वैरिएंट और विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार से निवेश को निकालना है।