नई दिल्ली। वर्तमान समय में अधिकांश लोग कैश की बजाय ऑनलाइन भुगतान या क्रेडिट और डेबिट कार्ड का उपयोग पसंद करते हैं। लगभग हर किसी के पास क्रेडिट या डेबिट कार्ड आसानी से मिल जाता है।
यदि आपने ध्यान दिया हो तो आपने रुपे कार्ड, वीजा कार्ड और मास्टरकार्ड (RuPay Card, Visa Card और MasterCard) के नाम को जरूर देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन कार्डों पर यह क्यों लिखा होता है? वास्तव में, रुपे कार्ड, वीजा कार्ड और मास्टरकार्ड तीनों अलग-अलग प्रकार के कार्ड होते हैं, चाहे ये किसी भी बैंक द्वारा जारी किए जाएं। आइए जानते हैं कि इन तीनों कार्डों में क्या अंतर होता है।
तीनों कार्डों में है ये अंतर
आपको यह बता दें कि रुपे कार्ड एक भारतीय घरेलू कार्ड है, जिसका उपयोग केवल भारत के अंदर ही लेनदेन के लिए किया जा सकता है। जबकि वीजा और मास्टरकार्ड अंतरराष्ट्रीय कार्ड होते हैं। इन तीनों कार्डों के बीच प्रमुख अंतर होता हैं ऑपरेशनल शुल्क का। देश के अंदर रुपे कार्ड का उपयोग करने का सबसे बड़ा फायदा यह हैं कि बैंकों को वीजा और मास्टरकार्ड की तुलना में भुगतान गेटवे पर कम सेवा शुल्क देना पड़ता हैं।
बैंकों के लिए फायदेमंद होता हैं रुपे कार्ड
बैंकों को वीजा डेबिट कार्ड या मास्टरकार्ड जैसे विदेशी भुगतान नेटवर्क में शामिल होने के लिए तिमाही शुल्क देना पड़ता हैं। जबकि रुपे कार्ड में ऐसा कोई शुल्क नहीं होता हैं। रुपे नेटवर्क से किसी भी बैंक को बिना किसी शुल्क के जुड़ सकता हैं। हालांकि रुपे कार्ड का उपयोग करने की एक सीमा होती हैं क्योंकि यह लेनदेन के लिए केवल एक डेबिट कार्ड प्रदान करता हैं, जबकि वीजा और मास्टरकार्ड डेबिट और क्रेडिट कार्ड दोनों प्रदान करते हैं।
इन बैंकों में उपलब्ध नहीं होते हैं वीजा और मास्टरकार्ड
यदि आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया होगा तो आप जानते होंगे कि रुपे कार्ड पब्लिक सेक्टर के बैंक, कुछ चुनिंदा निजी बैंकों, ग्रामीण और सहकारी बैंकों द्वारा जारी किया जाता हैं। जबकि इन छोटे बैंकों में वीजा और मास्टरकार्ड शामिल नहीं होते हैं। यदि आपके पास वीजा या मास्टरकार्ड हैं, तो आप उन्हें इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन के लिए उपयोग करके विदेशों में भी लेनदेन कर सकते हैं।