नयी दिल्ली। नीति आयोग के पूर्व सीईओ भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि नवोन्मेष और स्टार्टअप परिवेश आज दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने के लिये मजबूत स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छे स्टार्टअप के लिये कोष की कोई कमी नहीं है।
कांत ने स्टार्टअप20 शिखर कार्यक्रम में एक मजबूत स्टार्टअप परिवेश के लिये ‘फंड ऑफ फंड’ (ऐसा कोष जो दूसरे कोष में निवेश करता है), कर्ज सुलभ होने से जुड़ी योजनाएं और बेहतर संचालन व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप ने कम लागत पर स्तरीय समाधान सफलतापूर्वक सुलभ कराया है। कांत ने कहा कि स्टार्टअप क्षेत्र में कोष की कोई कमी नहीं है और अच्छे स्टार्टअप के लिये पूंजी हमेशा उपलब्ध हैं। दुनिया में कोष पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और उनकी नजर हमेशा अच्छी परियोजनाओं पर होती है।
कांत ने भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे बायोमेट्रिक आईडी, डिजिटल भुगतान और इस संदर्भ में स्टार्टअप परिवेश की मजबूत सफलता के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि देश ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, भारत में 1,00,000 से अधिक स्टार्टअप और 108 यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) हैं। कांत ने स्टार्टअप और उद्यमियों के लिये स्व-नियमन और बेहतर संचालन व्यवस्था की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा, ”…आज का स्टार्टअप कल फॉर्च्यून 500 कंपनी होगी। इसलिए वित्तीय स्तर पर सूझ-बूझ के साथ कदम और संचालन व्यवस्था का मुद्दा महत्वपूर्ण है।