नई दिल्ली। यूबीएस ने भारत में अपना ग्लोबल बैंकिंग ऑफिस बंद करने की योजना बना ली है। कंपनी ने यह कदम तब उठाया, जब यूबीएस अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में बदलाव कर रहा है। यह अपने दक्षिण अफ्रीकी इंवेस्टमेंट-बैंकिंग कार्यों से पीछे हट रहा है, जिसमें लगभग आठ बैंकर जा रहे हैं।

ग्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक यूबीएस ग्रुप एजी भारत के अपतटीय क्षेत्र में अपने निवेश बैंकिंग कवरेज को आगे बढ़ा रहा है। नौकरियों में कटौती कर रहा है, क्योंकि यह देश में अपनी वैश्विक बैंकिंग प्रजेंस को क्लोज कर रहा है। स्विस बैंक ने दक्षिण एशियाई राष्ट्र के बाहर अपने परिचालन से अपने भारतीय ग्राहकों की सेवा करने की योजना बनाई है। लोगों का कहना है कि जानकारी के रूप में पहचान नहीं होने के कारण निजी है। इसके बारे में कर्मचारियों को बुधवार को सूचित किया गया।

एक व्यक्ति ने बताया कि ग्लोबल बैंकिंग और एडवाइजरी में तीन बैंकर जा रहे हैं। आने वाले महीनों में दो अन्य संभावित रूप से सिंगापुर ट्रांसफर किए जा सकते हैं, हालांकि प्लान बदला भी जा सकता है। इस मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि यूबीएस वैश्विक बाजारों में अपना परिचालन बनाए रखेगा और भारत में रिसर्च करेगा।

बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा कि यूबीएस भारत में अपने कारोबार के लिए प्रतिबद्ध है और तटवर्ती और क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपस्थिति बनाए रखता है। यह कदम तब आया जब स्विस ऋणदाता अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में बदलाव कर रहा है। ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक यह अपने दक्षिण अफ्रीकी निवेश-बैंकिंग परिचालन से पीछे हट रहा है, जिसमें लगभग आठ बैंकर जा रहे हैं।

पिछली तिमाही में यूबीएस के मुनाफे में आश्चर्यजनक उछाल हुआ था। यह वेल्थ मैनेजमेंट फीस द्वारा तीन वर्षों में सबसे बड़ा जंप था। पिछले एक दशक में धन प्रबंधन के लिए इसकी धुरी ने इसे अमेरिकी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में एक छोटे निवेश बैंक के साथ छोड़ दिया है, लेकिन इसने हाई लेवल प्रॉफिट को मेंटेन रखा है।