नई दिल्ली: वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनियों नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग के साथ 3.6 अरब डॉलर (करीब 30,000 करोड़ रुपये) का एक बड़ा सौदा किया है। कंपनी ने बताया कि सौदे के तहत तीनों कंपनियां अगले तीन साल में उसे नेटवर्क उपकरण देंगी। वी ने दक्षिण कोरिया की दिग्गज सैमसंग को उपकरणों का ठेका पहली बार दिया है।

तीनों कंपनियों के साथ यह सौदा अगले तीन साल में कुल 6.6 अरब डॉलर (55,000 करोड़ रुपये) का पूंजीगत खर्च करने की वी की योजना का हिस्सा है। वी ने एक बयान में कहा कि लंबी अव​धि के इन ठेकों के तहत चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से उपकरणों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी और 4जी नेटवर्क का दायरा 1.2 अरब लोगों तक किया जाएगा, जो अभी 1.03 अरब तक है। साथ ही कंपनी प्रमुख सर्कलों में 5 जी नेटवर्क भी शुरू करेगी। हालांकि उसकी प्रतिस्पर्द्धी रिलायंस जियो और भारती एयरटेल दो साल पहले ही 5जी शुरू कर चुकी हैं।

वी के मुख्य कार्या​धिकारी अक्षय मूंदड़ा ने कहा था कि मई-जून 2025 तक वी प्रमुख सर्कलों में 4जी कवरेज के मामले में बाकी कंपनियों को टक्कर देने लगेगी। उन्होंने कहा, ‘हमने निवेश का दौर शुरू कर दिया है। यह वी के दूसरे चरण के सफर की शुरुआत है और यहां से कंपनी उद्योग में आगे बढ़ने के मौकों में कारगर तरीके से भागीदारी करेगी।

ईवाई ग्लोबल में टीएमटी लीडर-इमर्जिंग मा​र्केट्स और पार्टनर प्रशांत सिंघल ने कहा, ‘पूंजीगत खर्च के लिहाज से दूरसंचार क्षेत्र में इस घोषणा का स्वागत होना चाहिए। 5जी की शुरुआत के दो साल बाद इस क्षेत्र में पूंजीगत खर्च काफी घट गया है। 5जी पर अधिकतर खर्च हो चुका है और अब क्षेत्र उससे कमाई करने पर ध्यान दे रहा है।विश्लेषक मानते हैं कि कंपनी के लिए नेटवर्क अपग्रेड करने का कोई और चारा ही नहीं है।

वी ने कहा कि उसने पहले से मौजूद साइटों पर पिछले तीन महीनों में ज्यादा स्पेक्ट्रम लगाया है और कुछ नई साइट भी शुरू की हैं। कंपनी ने बयान में कहा, ‘इससे वी की क्षमता में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है और इस साल सितंबर अंत तक 1.6 करोड़ नए लोग कवरेज के दायरे में आ जाएंगे। कुछ क्षेत्रों में ग्राहकों को बेहतर अनुभव भी मिल रहा है।

सैमसंग के साथ वी की साझेदारी से उन संस्थाओं में भरोसा पैदा होगा, जो वी को कर्ज दे सकती हैं। उद्योग के एक जानकार ने कहा, ‘वित्तीय संकट से जूझते हुए भी नई वैश्विक साझेदार के साथ हाथ मिलाना बता रहा है कि वी पटरी पर लौट सकती है। बैंक इसे अहमियत दे सकते हैं।