इंटरव्यू

इंदौर पहुंची भारतीय रक्षा बलों को समर्पित नमन और सम्मान रन

इंदौर देश की अक्षुण्णता की रक्षा करने में सबसे ज्यादा योगदान सरहदों पर एवं देश में अटल एवं अनवरत खड़े रक्षा बलों का है। देश के इन जाबांजों के प्रति श्रद्धांजलि और सम्मान व्यक्त करने के लिए निकली नमन और सम्मान रन शुक्रवार 12 जनवरी 2024 को इंदौर पहुंची। टीम फेब फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस दौड़ का उद्देश्य भारतीय रक्षा बलों के प्रति आभार प्रकट करना, जागरूकता को बढ़ाना, और एकता का सन्देश देना है।

इस दौड़ के नायक टीम फेब फाउंडेशन के फाउंडर एवं डायरेक्टर श्री कुमार अजवानी के अनुसार, “यह दौड़ हमारे देश के सभी रक्षा बलों को श्रद्धांजलि और सम्मान है। हम इस दौड़ के माध्यम से देश के रक्षा बलों के प्रति अपना आभार व्यक्ति करना चाहते हैं एवं देश पर जान न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं। इस यात्रा ने अबतक लगभग 1200 किलोमीटर का सफ़र पूरा कर लिया है, इस डेढ़ महीने में हमें लोगों का भरपूर सहयोग मिला है, हर वर्ग के हर आयु के लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं। हमारा उद्देश्य देशवासियों के मन में देशभक्ति की भावना को अमर करना है।“

रविवार 14 जनवरी को राजेन्द्र नगर, इंदौर से श्री अजवानी पैदल चल कर महू तक जायेंगे, जहाँ एक कैंडल लाइट मार्च का आयोजन किया जाएगा जिसमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल होंगे। यह मार्च भारतीय रक्षा बलों द्वारा दिए गए बलिदानों की एक मार्मिक स्मृति होगी जिससे एकता, देशभक्ति और कृतज्ञता की भावना सुदृढ़ होगी। इस दौरान देश के कई शहरों और कस्बों में एक साथ एक वर्चुअल कैंडल लाइट मार्च का भी आयोजन किया जाएगा ताकि सभी लोग इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन सकें।

श्री अजवानी ने आगे बताया, “प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को हमारे पूर्व सैनिकों की नि:स्वार्थ भक्ति और बलिदान को याद करने के लिए सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे उन बहादुर योद्धाओं को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का भी अवसर है, जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। रविवार 14 जनवरी को यह नमन और सम्मान रन महू पहुंचेगी जहाँ सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ तिरंगा फहराया जाएगा। देश की सेवा में अपना जीवन त्याग देने वाले उन सैनिकों की अदम्य भावना को सलाम किया जाएगा, जिन्होंने गर्व और सम्मान के साथ भारतीय सशस्त्र बल में सेवा की। भारतीय रक्षा बलों को समर्पित अटारी वाघा बॉर्डर से निकली यह दौड़ जालंधर, चंडीगढ़, कुरूक्षेत्र पानीपत, नई दिल्ली, जयपुर, अजमेर, माउंट आबू, जीरो पॉइंट, अहमदाबाद, इंदौर, और यहाँ से धुले, मालेगांव, नासिक, मुंबई से होती हुई 3000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर वॉर मेमोरियल, पुणे पहुंचेगी।“