नई दिल्ली। भारत सरकार ने संसद में टेलिकॉम बिल 2023 पेश किया है। यह बिल भारत के दूरसंचार उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बिल भारत के लाइसेंसिंग लैंडस्केप को सरल और सुसंगत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार लाएगा।

इन सुधारों में शामिल हैं:

  1. एकल लाइसेंसिंग प्रणाली: वर्तमान में, दूरसंचार सेवाओं के लिए कई अलग-अलग प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता होती है। प्रस्तावित बिल एकल लाइसेंसिंग प्रणाली पेश करेगा, जिससे प्रक्रिया को सरल और कम खर्चीली बनाया जाएगा।
  2. स्पेक्ट्रम सुधार: प्रस्तावित बिल स्पेक्ट्रम की उपलब्धता और संभाव्यता को बढ़ाने के लिए कई सुधार लाएगा। इनमें एसयूसी समाप्त करना, पिछले स्पेक्ट्रम बकाया पर रोक लगाना और स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग/लीजिंग/शेयरिंग की अनुमति देना शामिल हैं।
  3. रोड़ ओवरहेड (आरओडब्ल्यू) सुधार: प्रस्तावित बिल आरओडब्ल्यू नियमों को सरल और लागू करने में आसान बना देगा। इससे टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के रोलआउट में तेजी आएगी।
  4. दंड सहिंता का पुनर्गठन: प्रस्तावित बिल दंड ढांचे को सरल बना देगा। इससे उल्लंघनों के लिए दंडों की स्पष्टता और पूर्वानुमानशीलता बढ़ेगी।
  5. स्वैच्छिक उपक्रम और अपील प्रक्रिया: प्रस्तावित बिल एक स्वैच्छिक उपक्रम और अपील प्रक्रिया पेश करेगा। इससे विवादों का तेजी से और अधिक प्रभावी समाधान मिलने की उम्मीद है।

भारती एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्ठल ने इस बिल की सराहना की है, उन्होंने कहा कि “यह बिल भारत के दूरसंचार उद्योग को मजबूत करने और सभी भारतीयों के लिए डिजिटल सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा। इस बिल के पारित होने से भारत के दूरसंचार उद्योग को कई लाभ होंगे।” इन लाभों में शामिल हैं:

  1. सरल और सुसंगत लाइसेंसिंग प्रक्रिया: यह प्रक्रिया को कम खर्चीली और समय लेने वाली बनाएगा।
  2. अधिक उपलब्ध और किफायती स्पेक्ट्रम: यह 5G नेटवर्क के विकास को बढ़ावा देगा और ग्राहकों के लिए सेवाओं की कीमतों को कम करने में मदद करेगा।
  3. सरल और लागू करने में आसान आरओडब्ल्यू नियम: यह टेलिकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के रोलआउट में तेजी लाएगा।
  4. स्पष्ट और पूर्वानुमानित दंड: यह उल्लंघनों को कम करने में मदद करेगा।
  5. विवादों का तेजी से और अधिक प्रभावी समाधान: यह ग्राहकों और उद्योग के लिए न्याय सुनिश्चित करेगा।